छिंदवाड़ाPublished: May 21, 2019 06:06:54 pm
Sanjay Kumar Dandale
वर्ष 2003 में भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने मंडी बनाने के लिए दोबारा शिलान्यास किया गया।
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परासिया. नगर में 24 साल के बाद भी सर्व सुविधायुक्त कृषि उपज मंडी नहीं बन पाई है। प्रदेश में भाजपा एवं कांग्रेस दोनों दलों की सरकार रही लेकिन दोनों सरकार के कार्यकाल में कृषि उपज मंडी का काम पूरा नहीं हो पाया।
वर्ष 1995 में तात्कालीन विधायक दामोदर पाटील ने कृषि मंडी स्वीकृत कराई थी। शुरुआती काम के बाद उप मंडी का काम नहीं बढ़ पाया। केवल मंडी में शेड डाला गया, एक कार्यालय कक्ष एवं गोदाम बनाया गया है लेकिन शेष कार्य पूरा नहीं किया गया। वर्ष 2003 में भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने मंडी बनाने के लिए दोबारा शिलान्यास किया गया। मंडी के लिए तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 90 लाख की राशि दी थी। जिससे बाउंड्रीवॉल, सडक़ एवं अन्य कार्य किया जाना था लेकिन वे भी पूरे नहीं हो पाए। मंडी में आवश्यकता अनुसार छिंदवाडा से अधिकारी भेजे जाते है जो रूचि नहीं लेते है।
किसानों को हो रही परेशानी: परासिया विकासखंड में उमरेठ क्षेत्र फसल एवं सब्जी उत्पादन के लिए जाना जाता है। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए छिंदवाड़ा मंडी में जाना पड़ता है। हालांकि पिछले वर्ष भावांतर योजना को लेकर कुछ समय तक परासिया में मक्का की खरीदी की गई। वहीं 15 दिनों तक चने की खरीदी हुई लेकिन यहां पर सुविधा तथा व्यवस्था के अभाव में मंडी में सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा है।
डेढ वर्ष पूर्व परासिया उप मंडी परिसर में 34 लाख की लागत से मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है। डेढ़ वर्ष व्यतीत होने के बाद भी प्रयोगशाला में ना तो उपकरण दिए गए ना पानी की सुविधा है, बिजली फिटिंग का काम भी पूरा नहीं हुआ है। जिसके कारण कृषि विभाग को प्रयोगशाला सुपुर्द नहीं की गई। इस बारे में कृषि अधिकारी का कहना है कि प्रयोगशाला में सारी आवश्यक सुविधाएं पूरी नहीं की गई है इसलिए विभाग उसे अपने हाथ में नहीं लेना चाहता है।