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इन शिशुओं को दिया नहीं और फिर इनके लिए कर रहे प्रयास

locationछिंदवाड़ाPublished: Dec 07, 2018 11:51:17 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

17 दिसम्बर से शुरू होगा दस्तक अभियान – पूर्व चिह्नितों को नहीं मिला उपचार, नए खोजने की तैयारी

Not given to these infants and then doing their efforts

Not given to these infants and then doing their efforts

छिंदवाड़ा. दस्तक अभियान वर्ष 20185-19 के प्रथम चरण में विभिन्न गम्भीर रोगों से ग्रसित तथा चिह्नित बच्चों को उपचार देने में लापरवाही बरती गई। इधर विभाग दूसरी बार 17 दिसम्बर से अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दूसरे चरण में करीब दो लाख बच्चों की जांच करने का लक्ष्य रखा गया है।
जबकि पूर्व में करीब 1000 गम्भीर बीमार जिसमें कुपोषित, एनीमिया, निमोनिया, जन्मजात विकृति समेत अन्य रोगों से ग्रसितों को चिह्नित किया गया। लेकिन उन्हेें उचित उपचार नहीं दिया गया। इस लापरवाही को लेकर मप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक डॉ. बीएन चौहान ने सीएमएचओ को फटकार भी लगाई थी।

यह दिए गए निर्देश


1. बच्चों में कुपोषण की जांच एवं चिह्नित गम्भीर कुपोषित व बीमार बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में रैफर करना।


2. 6 माह से 5 वर्ष तक बच्चों में खून की कमी की जांच करना एवं एनीमिक मिलने पर उपचार कराना।

3. निमोनिया एवं दस्त रोग की जांच कर उपचार की व्यवस्था बनाना।


4. सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाना।


5. स्तनपान, उचित आहार सम्बंधित सलाह देना तथा शिशुओं का समय-समय पर वजन करना।

6. ओआरएस पैकेट बांटना, हाथ धुलाई सम्बंधित सलाह देना।


फैक्ट फाइल – दस्तक अभियान के प्रथम चरण में चिह्नित किए गए विभिन्न रोगों से ग्रसित बच्चे…


पोर्टल पर दर्ज बच्चे 289398
जांच किए गए बच्चे 167987
कुपोषित शिशु 899
एनीमिक शिशु 41
निमोनिया ग्रस्त 12
डायरिया ग्रस्त 24
जन्मजात विकृति 18
अन्य 23

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