जबकि पूर्व में करीब 1000 गम्भीर बीमार जिसमें कुपोषित, एनीमिया, निमोनिया, जन्मजात विकृति समेत अन्य रोगों से ग्रसितों को चिह्नित किया गया। लेकिन उन्हेें उचित उपचार नहीं दिया गया। इस लापरवाही को लेकर मप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक डॉ. बीएन चौहान ने सीएमएचओ को फटकार भी लगाई थी।
यह दिए गए निर्देश
1. बच्चों में कुपोषण की जांच एवं चिह्नित गम्भीर कुपोषित व बीमार बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में रैफर करना।
2. 6 माह से 5 वर्ष तक बच्चों में खून की कमी की जांच करना एवं एनीमिक मिलने पर उपचार कराना।
3. निमोनिया एवं दस्त रोग की जांच कर उपचार की व्यवस्था बनाना।
4. सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाना।
5. स्तनपान, उचित आहार सम्बंधित सलाह देना तथा शिशुओं का समय-समय पर वजन करना।
6. ओआरएस पैकेट बांटना, हाथ धुलाई सम्बंधित सलाह देना।
फैक्ट फाइल – दस्तक अभियान के प्रथम चरण में चिह्नित किए गए विभिन्न रोगों से ग्रसित बच्चे…
पोर्टल पर दर्ज बच्चे 289398
जांच किए गए बच्चे 167987
कुपोषित शिशु 899
एनीमिक शिशु 41
निमोनिया ग्रस्त 12
डायरिया ग्रस्त 24
जन्मजात विकृति 18
अन्य 23