छिंदवाड़ा

Nursing Day: इलाज करते-करते 41 नर्स संक्रमित, फिर भी बनीं मिसाल

जज्बे को सलाम: कोरोना संक्रमण काल में हर पल सामने देखा मौत का तांडव, फिर भी 24 घंटे सम्भाला कोविड वार्ड

छिंदवाड़ाMay 12, 2021 / 10:39 am

prabha shankar

chhindwara

छिंदवाड़ा। कोरोना संक्रमण काल में जिला अस्पताल में गम्भीर मरीजों का इलाज करते-करते 41 नर्सेस संक्रमित हुईं और तीन को शहादत मिली। फिर भी उन्होंने कभी सेवा का धर्म नहीं छोड़ा। कोविड वार्ड में ड्यूटी जाने से इनकार नहीं किया। परिजन के गुस्से का शिकार भी बनीं। फिर भी उनक ा शांत चेहरा, इलाज के प्रति सतर्कता और धैर्य हमेशा बना रहा। ऐसी सेवा की मिसाल बनीं नर्सेस के जज्बे को पूरे समाज की तरफ से 12 मई नर्सिंग डे पर सलाम है। उनकी सेवा को यादगार बनाते हुए च्पत्रिकाज् ने कुछ नर्सों से बातचीत की और उनके अनुभव को जाना। हर किसी ने यही कहा कि किसी की जिंदगी को बचाना उनके लिए सबसे बड़ी समाजसेवा है।
कल्पना उइके: कभी किसी ने नहीं कहा-कोविड में ड्यूटी नहीं करेंगे
इस माह के अंत में रिटायर होने जा रही जिला अपताल की नर्सिंग अधीक्षिका कल्पना उइके बताती हैं कि उनके लिए दो साल से कोविड वार्ड का प्रबंधन सम्भालना किसी चुनौती से कम नहीं रहा। कोरोना की दूसरी लहर में जब मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी तो नर्सेस की ड्यूटी कोविड वार्ड में बढ़ानी पड़ी। कभी किसी ने ये नहीं कहा-हम ड्यूटी नहीं करेंगे। इस दौरान 41 नर्स संक्रमित हुईं। तीन कोरोना से मरीजों को बचाते-बचाते चल बसीं। फिर भी किसी की सेवा का जज्बा कभी कम नहीं हुआ।

आकांक्षा साठे: ड्यूटी में जाते ही करते हैं मरीजों के लिए प्रार्थना
जिला अस्पताल के एचडीयू फीमेल वार्ड में सेवा दे रही आकांक्षा साठे वार्ड की ड्यूटी ज्वाइन करते ही सबसे पहले कोरोना मरीजों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हैं। उनके पास ऐसी गम्भीर अवस्था में मरीज आते हैं, जिनकी जिंदगी बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। खासकर तब जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है जब प्रसूता या गर्भवती महिला को रखा जाता है। उन्होंने एक ऐसी महिला पेशेंट को ठीक किया, जिसकी ऑक्सीजन सेचुरेशन 30 प्रतिशत से कम थी। परिवार में मां संक्रमित हुईं। फिर भी उनका सेवा भाव मरीजों के प्रति बना रहा।

रश्मि वर्मा: पीपीई किट में पसीने से तर,फिर भी करती है सेवा
जिला अस्पताल में सर्जिकल आईसीसीयू वार्ड की प्रभारी रश्मि वर्मा नर्सिंग एसोसिएशन की उपाध्यक्ष भी हैं। वे अपने ड्यूटी समय पर पीपीई किट में पसीने से तरबतर भी हो जाती हैं, फिर भी उनकी चौकस निगाहें हर मरीज की सेहत का ख्याल रखती। रश्मि बताती हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में कम उम्र के मरीजों को दम तोड़ते देखकर दुख होता है। फिर भी अपने और साथी नर्सेस का मनोबल बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती दिखती है। पिछले दो माह से कोरोना केस बढ़े तो नींद भी उड़ गई। हर समय फोन आता है। बस एक ही सेवा-जान बचाओ।


फराह कुरैशी: अंतिम सांस तक संघर्ष,साथी नर्सेस करती हैं नमन
जिला अस्पताल में कोरोना से संघर्ष करते-करते गायनिक वार्ड की इंचार्ज स्व. फराह कुरैशी के अचानक जाने से हर कोई दुखी है। उनके सेवा और पुण्य कार्य का स्मरण उनकी साथी नर्सेस करती हैं। जब उनकी अंतिम विदाई का मौका आया तो पूरा स्टाफ उन्हें नमन करने आ गया। स्व. फराह के पति अकरम बताते हैं कि ड्यूटी के प्रति संवेदनशील फरहा को कब कोरोना चपेट में ले गया, कोई भी समझ नहीं पाया। बेटी अपनी मां को याद करती है। गौरतलब है कि पहले सुपरवाइजर हाशिम खान और सजीला लाल भी कोविड का शिकार बनीं।

कोरोना संक्रमित फिर भी ड्यूटी पर
संगीता गिडियन
पिछले 26 साल से जिला अस्पताल में सेवारत संगीता गिडियन दो साल से कोविड वार्ड में सेवा दे रही हैं। एक बार कोविड संक्रमित हुई। फिर भी सेवा भावना कम नहीं हुई। दिन की शुरुआत मरीजों के लिए प्रार्थना करती है।

रश्मि सोलंकी
पिछले 20 वर्ष से मरीजों को सेवा दे रही रश्मि सोलंकी इस समय कोविड संक्रमण से जूझ रही हंै। फिर भी उनके मन में अस्पताल के प्रति चिंता है। उन्होंने स्वस्थ होकर फिर भी सेवा का जज्बा दिखाया है।

एंजलीना चौकीकर
पिछले 32 साल से सेवा दे रही एंजलीना चौकीकर छह अप्रैल को कोरोना पॉजीटिव आ गई थीं। डॉक्टर उम्मीद कम जता रहे थे फिर भी जीवन के प्रति आस्था और संघर्ष की शक्ति से वापस लौटी और कोविड वार्ड में है।


कौशल्या परतेती
कोरोना वार्ड में सेवा देते हुए संक्रमण की चपेट में आ गईं थीं। इनके साथ पति भी संक्रमित भी हुए। उन्होंने अपने साथ पति को भी ठीक किया। कौशल्या अब कोविड मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहीं हंै।


वीनस सिंह
पिछले 14 साल से कार्यरत वीनस सिंह मन कक्ष में कार्यरत हैं। वे कोविड वार्ड में पहुंचकर मरीजों के मन से कोरोना का भय दूर करने की काउंसलिंग कर रही है। कोरोना संक्रमण का खतरा होते हुए सेवा का भाव झलकता है।

Home / Chhindwara / Nursing Day: इलाज करते-करते 41 नर्स संक्रमित, फिर भी बनीं मिसाल

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.