छिंदवाड़ा.किसी जमीन, प्लॉट और मकान पर कब्जे की शिकायतें हो या फिर डायवर्सन के लंबित प्रकरणों में राजस्व अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। मैदानी काम न होने से उनके कार्यालय में एेसे केस की संख्या बढ़ती जा रही है। पूरे संभाग में एेसे लंबित राजस्व केस में छिंदवाड़ा का नाम जबलपुर के बाद दूसरे नम्बर पर आ गया है। राजस्व के प्रदेश स्तरीय सॉफ्टवेयर आरसीएमएस की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
इस रिपोर्ट के अनुसार छिंदवाड़ा जिले में पैंडिंग राजस्व केस की संख्या १४ हजार ८७८ हो गई है। इनमें सीमांकन के ५५८,नामांतरण ४०६,बंटवारा ६७४,डायवर्सन २०२४ और अतिक्रमण समेत अन्य केस ११ हजार २१० शामिल है। इसको लेकर पिछले दिनों हुई राजस्व बैठक में कलेक्टर ने इस पर चिंता जताते हुए राजस्व अधिकारियों को पैंडिंग केस के निपटारे के लिए निर्देशित किया था। आरसीएमएस रिपोर्ट से लग रहा है कि संबंधित अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। खासकर अतिक्रमण और डायवर्सन के केस में तो साफ तौर पर उदासीनता झलकती है। इसके चलते पीडि़त लोग तहसील और एसडीएम कार्यालय में भटकते रहते हैं। उन्हें राज्य शासन की मंशा के अनुरूप न्याय नहीं मिल पा रहा है। पीडि़तों का कहना है कि अतिक्रमण और डायवर्सन के केस पर राजस्व अधिकारियों को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करना चाहिए। इससे लोगों को समय पर न्याय मिले।
निगरानी के लिए बना पोर्टल
प्रदेश स्तर पर राजस्व केस की बढ़ती संख्या और पीडि़तों के समय व धन खर्च रोकने की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा पिछले साल आरसीएमएस पोर्टल शुरू किया गया था। जिसमें राजस्व अधिकारियों से पैंडिंग केस के त्वरित गति से निपटारे की अपेक्षा की गई है। इसके साथ ही इन प्रकरणों पर एक निगरानी तंत्र का गठन किया गया है। इस पोर्टल में पक्षकारों को भी लंबित केस की जानकारी मिलती है।
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संभाग में लंबित राजस्व केस जिला वार
जिला पैंडिंग केस
छिंदवाड़ा १४८७८
सिवनी ९४८६
बालाघाट ७२३६
नरसिंहपुर ३९४८
जबलपुर १८८४५
कटनी ९०४७
मण्डला ५१२१
डिंडोरी ३१२८
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