बेघर को मकान मिले तो इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन ऐसे लोग भी पट्टा हासिल कर रहे हैं जिनके पास मकान है। पट्टा हासिल करने के बाद वे उसे खुलेआम बेच भी रहे हैं, इसके बाद भी प्रशासन कार्रवाई करने से बच रहा है। शहर के भीतर की लगभग और पहुंच के अंदर आने वाली सरकारी जमीन एवं पहाड़ी पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। अब शहर के आस-पास के हिस्से पर अतिक्रमण कर रहे। इसी रफ्तार से अतिक्रमण जारी रहा तो वो दिन दूर नहीं जब सरकारी जमीन ढूंढने से भी नहीं मिलेगी। लोग पहाडिय़ों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। नगरनिगम के अलावा पंचायत क्षेत्र में भी कब्जाधारी सक्रिय हो चुके हैं।
ऐसे तो बढ़ जाएगी मुश्किल
चारों तरफ सरकारी जमीन पर ऐसे ही कब्जा होने दिया गया तो मुश्किल बढ़ जाएगी। पट्टा हासिल करना और फिर उसे बेच देना। जरूरत पडऩे पर प्रशासनिक अमला जब यही अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचता है तो उन्हें तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अगर अतिक्रमण होते वक्त ही रोक दिया जाए तो शायद दिक्कत नहीं होगी। जिन्हें वाकई जरूरत है उन्हें पट्टा मिलता है तो यह गलत नहीं है, लेकिन जो प्रशासन के साथ धोखा कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। पोआमा से कुण्डाली मार्ग पर सरकारी जमीन पर किए जा रहे कब्जा साफ दिखाई दे रहा है।
कल टीम भेजी जाएगी
सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। कल ही टीम भेजकर जायजा लिया जाएगा। हमारे क्षेत्र का मामला होगा तो तत्काल कार्रवाई भी की जाएगी। क्योंकि कुण्डाली वाला हिस्सा परासिया अनुविभाग में आता है।
-अतुल सिंह, एसडीएम, छिंदवाड़ा