चांदामेटा के मां खेड़ापति मंदिर में सहस्त्र चंडी महायज्ञ के अंतिम दिन मंगलवार को पूर्णाहुति एवं विशाल भंडारा के साथ महायज्ञ का समापन किया गया।
खेड़ापति
मंदिर में महायज्ञ…
महायज्ञ के अंतिम दिन उमड़े श्रद्धालु परासिया. चांदामेटा के मां खेड़ापति मंदिर में सहस्त्र चंडी महायज्ञ के अंतिम दिन मंगलवार को पूर्णाहुति एवं विशाल भंडारा के साथ महायज्ञ का समापन किया गया।
इस अवसर पर यज्ञ में भाग लेने के लिए क्षेत्र एवं जिले से बड़ी संख्या में लोग आए हैं। 22 जनवरी से महायज्ञ शुरू हुआ था। 5 वर्ष में होने वाले इस यज्ञ को लेकर प्रतिदिन मंदिर आने वाले एवं प्रवचन सुनने वालों तांता लगा रहा। खेड़ापति मंदिर को लेकर पूर्व में जिले के सांसद कमलनाथ ने पर्यटन स्थल बनाने के लिए 50 लाख की राशि स्वीकृत कराई। इसके बाद खेड़ापति मंदिर का काफी विकास किया गया है और यह मंदिर अब क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध होने लगा है। महायज्ञ चौरागढ़ पचमढ़ी के मठाधीश गरीबदास महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ।
भागवत कथा समापन
मोहखेड़.सारोठ . विकासखंड के ग्राम सारोठ में भागवत महापुराण के आखरी दिन महाप्रसाद का लाभ लेने के लिए आसपास के दर्जनों गांव से श्रद्धालु पहुंचे। हवन पूजन, जवारे विसर्जन, हरिनाम सप्ता, महाभंडारे के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। रातभर से चल रहे हरिनाम सप्ताह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दूर-दराज के गांव से भजन मंडली शामिल हुई। सुबह से ही हवन पूजन का क्रम चलता रहा। ग्राम वासियों ने कथा वाचक पंडित छोटे सरकार को विदाई दी। कथा के दौरान व्यवस्था से लेकर सभी नवयुवकों का सहयोग रहा।
सिवनी में विट्ठल नाम सप्ताह का समापन
पांढुर्ना. सिवनी. ग्राम के विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर में 23 जनवरी से चल रहे विठ्ठल हरिनाम सप्ताह का मंगलवार को समापन हुआ। अंतिम दिन सोपान महाराज कालबांडे ने दही लाही पर प्रवचन दिया। कार्यक्रम के समापन पर महाप्रसाद बांटा गया । इस मौके पर सिवनी सहित आसपास के गांव मोरडोंगरी, खैरीपैका, राजना, भुली, बढ़चिचोली के ग्रामीणों भी पहुंचे।
देवपूजन एवं सामूहिक आरती हुई
सौंसर . विश्वकर्मा सुतार समाज संगठन द्वारा विश्वर्मा जयंती महोत्सव के शुभारंभ पर सुबह 10 बजे कलश स्थापना के साथ किया गया। सर्वप्रथम देवपूजन एवं सामूहिक आरती की गई। इस अवसर पर कार्यक्रम में सामाजिक बंधु उपस्थित रहे। दोपहर 12 बजे महिलाओं ने भजन की प्रस्तुति दी। दोपहर को श्री विश्वकर्मा पुराण पारायण का वाचन हुआ। शाम 5 बजे दीपयज्ञ में वातावरण जगमग रहा।