कम उत्पादन और गुणवत्ता भी एक कारण
इस बार अतिवृष्टि के कारण फसलों के कम उत्पादन और क्वालिटी के भी बिगडऩे की स्थिति दिख रही है। मक्का की फसल भी चालीस प्रतिशत तक खराब होने की आशंका है। यही कारण है कि किसानों की संख्या कम है। पिछले बार बम्पर उत्पादन के कारण किसान पंजीयन कराने बड़ी संख्या में समितियों के कार्यालय पहुंचे थे और सरकार को रिकॉर्ड मक्का किसानों ने बेची थी। इस बार ज्यादा बारिश ने हाल बिगाड़ दिए हैं। यही कारण है कि निराश किसान पंजीयन में रुचि नहीं दिखा रहे।
इस बार अतिवृष्टि के कारण फसलों के कम उत्पादन और क्वालिटी के भी बिगडऩे की स्थिति दिख रही है। मक्का की फसल भी चालीस प्रतिशत तक खराब होने की आशंका है। यही कारण है कि किसानों की संख्या कम है। पिछले बार बम्पर उत्पादन के कारण किसान पंजीयन कराने बड़ी संख्या में समितियों के कार्यालय पहुंचे थे और सरकार को रिकॉर्ड मक्का किसानों ने बेची थी। इस बार ज्यादा बारिश ने हाल बिगाड़ दिए हैं। यही कारण है कि निराश किसान पंजीयन में रुचि नहीं दिखा रहे।
कई जगह अभी टूटी नहीं मक्का
ज्यादातर खेतों में अभी मक्का टूटी ही नहीं है। पिछले एक सप्ताह से मौसम फिर बदल गया है। बूंदाबांदी और घने बादलों भरे मौसम के कारण किसान खेतों से भुट्टा तोडऩे में भी डर रहे हैं। तेज धूप निकले तो भुट्टों को तोडकऱ उन्हें सुखाने के लिए खुले आसमान में रखें। मौसम की अनिश्चितता के कारण इसमें देर होती जा रही है।
ज्यादातर खेतों में अभी मक्का टूटी ही नहीं है। पिछले एक सप्ताह से मौसम फिर बदल गया है। बूंदाबांदी और घने बादलों भरे मौसम के कारण किसान खेतों से भुट्टा तोडऩे में भी डर रहे हैं। तेज धूप निकले तो भुट्टों को तोडकऱ उन्हें सुखाने के लिए खुले आसमान में रखें। मौसम की अनिश्चितता के कारण इसमें देर होती जा रही है।