कहने को तो विधानसभा सौंसर कपास और संतरे के लिए को जाना जाता हैं लेकिन यहां किसान परेशान और संकट से घिरा नजर आ रहा है।
छिंदवाड़ा•Dec 10, 2018 / 05:45 pm•
Sanjay Kumar Dandale
sausar cotton
सौंसर. विधानसभा सौंसर जो नक्शे में दिखाई देता है वास्तव में ऐसा नहीं है। कहने को तो यहां कपास और संतरे के लिए सौंसर को जाना जाता हैं लेकिन यहां किसान परेशान और संकट से घिरा नजर आ रहा है। इसके अलावा क्षेत्र में कई समस्याएं है जिसकी तरफ किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है या कहे कि जानबूझकर इनकी अनदेखी की जा रही है।
कपास और संतरे की बम्पर पैदावार क्षेत्र में है फिर भी किसान परेशान है तो वहीं संतरा पैकेजिंग के लिए प्लांट तो बने लेकिन अब तक चालू नहीं हो सके। सेज के नाम पर 8000 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है लेकिन आज तक कोई उद्योग नहीं लग पाया।
सौंसर में बेरोजगार भी एक बड़ी समस्या है, खेती किसानी के अलावा रेमंड कम्पनी और छुटपुट कम्पनी के अलावा रोजगार के साधन नहीं है जिसके चलते क्षेत्र के पढ़े लिखे युवा बेरोजगारों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता है। क्षेत्र में रेत का उत्खनन भी धड़ल्ले से जारी है लेकिन इस पर भी लगाम नहीं लग पा रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में भी विधानसभा में हालत खराब है। ग्रामीण इलाकों में तो शिक्षकों और स्कूल भवन की कमी है तो शिक्षा के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी बदहाल है।
अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को नागपुर या छिंदवाड़ा की ओर रुख करना मजबूरी बन गई है। ऐसी कई अन्य समस्याएं है जिससे सौंसर विधानसभा की जनता जूझ रही है। सौंसर विधानसभा की हकीकत यह है कि स्थानीय और क्षेत्रीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्र का युवा, किसान चिंता में है और परेशान है। सौंसर विधानसभा की सड़कें भी बदहाल है। कई ग्रामीण अंचल में सड़क समस्या आज भी बनी हुई है। जिसके कारण सौंसर विधानसभा के ग्राम रामूढाना के नागरिकों ने चुनाव का बहिष्कार भी किया।
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