उल्लेखनीय है कि नववर्ष के उपलक्ष्य पर जिला अस्पताल के मरीजों को स्वच्छ चादर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सम्भागीय स्वास्थ्य संचालनालय के संयुक्त संचालक डॉ. पंकज शुक्ला द्वारा प्रतिदिन के हिसाब से कलर कोटेड चादर उपलब्ध कराई गई थी। इस व्यवस्था में रंगों के आधार पर चादरों को बांटा गया था।
इससे मरीजों द्वारा उसी दिन के रंग की चादर मिली है या नहीं पता लगाया जा सकता है। इस सुविधा से लोगों में उत्साह था, लेकिन गुणवत्ताहीन चादरों की आपूर्ति को लेकर लोग अब भ्रष्टाचार को लेकर बातें बना रहे है।
लॉन्ड्री कर्मी ने की शिकायत
जिला अस्पताल की रोगी कल्याण समिति के तहत संचालित लॉन्ड्री के कर्मचारी राकेश कनोजिया ने बताया कि नई चादरों को धोने पर धागे निकलने लगे हैं तथा सिकुडऩे से साइज छोटा हो गया है। चादरों को वाशिंग पाउडर से धोया जा रहा है तथा ज्यादा कैमिकल भी नहीं मिलाया जा रहा है। इसके बाद भी चादर खराब हो रहीं हंै। इसकी शिकायत उन्होंने सिविल सर्जन तथा आरएमओ की गई है।
आपूर्तिकर्ता को दी गई है सूचना
कुछ चादर धुलने के बाद खराब हो रहीं हंै, जिसकी सूचना भोपाल में आपूर्ति करने वाली एजेंसी को दी गई थी। इसके बाद कुछ लोग जांच करने छिंदवाड़ा भी आए तथा शीघ्र ही खराब चादरों को बदलने की आश्वासन दिया है।
डॉ. सुशील राठी, सिविल सर्जन