जुगाड़ के भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन
जुन्नारदेव की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत पालाचौरई में 8 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें से एक का ही अपना भवन है। वहीं दो आंगनबाड़ी केंद्र शासकीय स्कूल के कमरों में संचालित हो रही है। पांच का संचालन निजी मकानों में किया जा रहा है।अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युत व्यवस्था तक नहीं है। भीषण गर्मी में टीकाकरण करवाने आने वाली महिलाएं एवं बच्चे परेशान नजर आते हैं । पेयजल के लिए भी तरसना पड़ता है ।
छिंदवाड़ा
Published: May 10, 2022 10:06:18 pm
छिन्दवाड़ा/गुढ़ी अम्बाड़ा. महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से ग्राम पंचायत स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है । इनकी उपयोगिता है। छोटे बच्चे यहां आते हैं। टीकाकरण, पोषण कार्यक्रम सहित अन्य आयोजनों में गर्भवती धात्री महिलाओं के साथ छोटे बच्चे भी पहुंचते हैं। शासन ने आंगनबाड़ी केंद्र तो मंजूर कर दिए पर इनके सुचारु संचालन के लिए सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। जुन्नारदेव की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत पालाचौरई में 8 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें से एक का ही अपना भवन है। वहीं दो आंगनबाड़ी केंद्र शासकीय स्कूल के कमरों में संचालित हो रही है। पांच का संचालन निजी मकानों में किया जा रहा है।अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युत व्यवस्था तक नहीं है। भीषण गर्मी में टीकाकरण करवाने आने वाली महिलाएं एवं बच्चे परेशान नजर आते हैं । पेयजल के लिए भी तरसना पड़ता है । आंगनबाडी़ केंद्र के आसपास निवासरत लोगों के पास से पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्वयं के स्तर पर पानी की व्यवस्था करके लाती है । क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी कार्यक्रम के दौरान इन आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचते हैं, लेकिन जब बात व्यवस्था व सुविधाओं की आती है तो वे चुप्पी साध लेते हैं । सात केन्द्रों को अभी तक अपना भवन तक नहीं मिला है। बेंच व कुर्सियां भेंट-महात्मा गांधी स्मारक सेवादल में रामाकोना के नथमल माहेश्वरी के पुत्र जुगल किशोर माहेश्वरी नागपुर ने कुर्सियां व बेंच भेंट की है। इससे बाजार ,बस स्टॉप आने जाने वाले लोगों व यात्रियों को सुविधा रहेगी। गांधी स्मारक के सरभराकार भावराऊ चौधरी ,गांधीवादी विचारक नानालाल गोयल, चिंतामन गाडवे, विजय पांडे ने जुगल किशोर माहेश्वरी का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया। माहेश्वरी ने कहा रामाकोना मेरी जन्मभूमि है। मैं इसे कभी नहीं भूल सकता । भविष्य में भी हर कार्य के लिए सहयोग करता रहूंगा ।

जुगाड़ के भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन
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