आम बजट में श्रमिक, आंगनबाड़ी आशा कार्यकर्ता एवं अन्य योजनाओं के कर्मचारियों को इस बजट में कोई राहत नहीं दी गई है
परासिया. भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीएमएस ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा पारित बजट को मजदूर विरोधी बताते हुए प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार वीरबहादुर धुर्वे को सौंपकर अपना विरोध व्यक्त किया।
महामंत्री शिवदयाल बिसन्दरे ने बताया कि भारत सरकार के वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तावित आम बजट में श्रमिक, आंगनबाड़ी आशा कार्यकर्ता एवं अन्य योजनाओं के कर्मचारियों को इस बजट में कोई राहत नहीं दी गई है तथा सामाजिक सुरक्षा में भी वृद्धि नहीं की गई है। जीएसटी एवं नोटबंदी के कारण सरकार को 1 हजार करोड़ से अधिक आयकर राशि प्राप्त हुई है। इसके बाद भी आयकर के टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। इसके अलावा जो सेस 3 प्रतिशत कर लगता था। उसे बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है। कोयला उद्योग में व्यवसायिक माइनिंग को बढ़ावा दिया गया है। जीएसटी के कारण जरूरी दैनिक वस्तुएं महंगी हो गई और नोटबंदी के कारण लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं जिनके पुर्नरोजगार व्यवस्था के लिए बजट में प्रावधान नहीं किया गया है। असंगठित क्षेत्र में
काम करने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा के लिए बजट में आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए। आंगनबाड़ी आशा कार्यकर्ताओं को ईपीएफ, पेंशन, ईएसआई का लाभ प्रदान किया जाए। बीमा कर्मचारी के मर्जर से जो कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं उनकी जवाब सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। बीमार पीएसयू के लिए बजट में प्रोविजन किया जाए। सरकार की मंशा 24 पीएसयू का विनिवेश करने की है इसके अलावा ईपीएफ पेंशन में वृद्धि की जाए।
9 वेलफेयर बोर्ड ऐसे हैं जहां सेस कर की राशि एकत्रित की जाती थी और इसका लाभ श्रमिकों को मिलता था लेकिन उसे सरकार ने बंद कर दिया है। आम बजट में मनरेगा के लिए बजट का प्रावधान किया जाए। बजट की मंशा के अनुसार फि क्स टर्म एंप्लॉयमेंट का चलन प्रारंभ होगा, लेबर लॉ में चर्चा उपरांत परिवर्तन किए जाएंगे। 8 जनवरी को फि क्स टर्म एंप्लॉयमेंट पर अधिसूचना आना बाकी है ऐसी स्थिति में इस विषय पर बजट में यह घोषणा करना कि वह फि क्स टर्र्म एंप्लॉयमेंट का चलन प्रारंभ होगा यह पूरे तरीके अनफेयर कृत्य है। भारतीय कोयला मजदूर संघ संसद में पेश किए गए आम बजट का विरोध करता है तथा देश के करोड़ों मजदूरों की हितों की रक्षा के लिए आम बजट में संशोधन की मांग करता है। बीएमएस ने मांगों को स्वीकार नहीं किए जाने पर भारत सरकार के विरुद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है।
ज्ञापन सौंपते समय बीएमएस अध्यक्ष संजय सिंह, राकेश चतुर्वेदी, शंकरलाल रावत,
धर्मेंद्र मिश्रा, मारकंडेय सूर्यवंशी, निर्मल राहा, अशोक डेहरिया ,मोहन भास्कर, रंजीत सिंह, रामसिंग बघेल सहित पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।