लॉकडाउन में खेतों में जाने से रोकने पर आक्रोश
छिंदवाड़ाPublished: Aug 02, 2020 06:26:29 pm
लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की सख्ती को लेकर किसानों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। शनिवार को लॉकडाउन के पहले दिन पुलिस द्वारा खेतों में जाने से रोकने पर किसान वर्ग नाराज और परेशान हो गया है।
छिंदवाड़ा/पांढुर्ना/ लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की सख्ती को लेकर किसानों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। शनिवार को लॉकडाउन के पहले दिन पुलिस द्वारा खेतों में जाने से रोकने पर किसान वर्ग नाराज और परेशान हो गया है।
किसानों ने बताया कि अच्छे मौसम के फलस्वरूप फसलें अपने विकास पर है। इस समय फसलों को वे बच्चे के समान पाल पोस रहा है। चार दिनों के लॉकडाउन में यदि किसानों को खेतों में नहीं जाने दिया जाएगा तो अच्छी फसलें बीमारी की चपेट में आकर नष्ट हो जाएगी। किसान के मेहनत पर पानी फिर जाएगा। यह सब होते किसान नहीं देख सकता है।
कोरोना वायरस के पहले दो माह लॉकडाउन के चलते गरीब परिवार बेरोजगार हो गए थे। आज खेतों में फसलें लहलहा रही है। गरीब मजदूर वर्ग के लिए खेतों में काम है किसानों को भी इनकी जरूरत है। परंतु प्रशासन इसको समझने को तैयार नहीं है। किसानों ने इस फैसले को बदलकर खेतों में काम करने की अनुमति प्रदान करने की मांग कलेक्टर से मांगी है वरना प्रभावित होने वाली फसलों की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
किसान नेता हरनाम सिंह सेंगर का कहना है कि फसलों को खाद और बारिश के कारण होने वाली बीमारियों से बचाना जरूरी है। खरपतवार को हर दूसरे दिन नष्ट करना पड़ता है। किसानों को खेतों में जाने से रोकना गलत है। ऐसे में उनकी फसल प्रभावित होगी।