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यहां न ओवरलोडिंग थमी, न बे-लगाम रफ्तार पर लगा ब्रेक

locationछिंदवाड़ाPublished: May 26, 2019 01:18:14 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

ठण्डे बस्ते में परिवहन विभाग की जांच पड़ताल

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छिंदवाड़ा. परिवहन विभाग की जांच-पड़ताल ठंडे बस्ते में है जिसके कारण वाहन चालकों की मनमानी बढ़ती जा रही है। ओवर लोडिंग और ओवर स्पीड को लेकर परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस की टीम ने पिछले दिनों खानापूर्ति की कार्रवाई कर इतिश्री कर ली।
वर्तमान में स्थिति यह है कि हर दिन सडक़ पर एक ऐसी दुर्घटना हो रही है जिसमें रफ्तार और ओवरलोडिंग सामने आ रही। पुलिस स्वयं अपनी जांच में इन तथ्यों का खुलासा करती है। वहीं परिवहन विभाग जागने को तैयार ही नहीं है। वाहनों की जांच केवल राजस्व को पूरा करने के लिए की जाती है।
कुछ यात्री बसों के चालक समय मिलाने के लिए क्षमता से अधिक रफ्तार में वाहन दौड़ा रहे हैं। नियंत्रण नहीं होने पर दुर्घटनाएं हो रहीं हैं, जिसमें बेकसूर लोगों की जान जा रही। पिछले दो माह में यात्री बस से जुड़ी आधा दर्जन दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें लोगों की जान चली गई। अमरवाड़ा, हर्रई, धरमटेकड़ी चौकी, कुंडीपुरा थाना और बिछुआ थाना क्षेत्र में बड़ी दुर्घटनाएं हुईं हैं।
सभी वाहनों में क्षमता से अधिक यात्री बैठे हुए थे। रफ्तार अधिक होने के कारण चालक ने वाहन पर नियंत्रण खो बैके जिसके कारण दुर्घटनाएं हुईं। परिवहन विभाग की टीम कोई ठोस कदम नहीं उठा रही जिसका नतीजा है कि वाहन चालक मनमानी कर रहे हैं।
यह है सबसे बड़ी वजह

सडक़ों की स्थिति अच्छी होने के कारण अमूमन वाहनों के चालक रफ्तार में चलते हंै। बस चालक समय मिलाने के चक्कर में तय सीमा से अधिक रफ्तार में चलते हैं। कुछ रास्तों पर दौडऩे वाली बसें कंडम हो चुकी हैं। रफ्तार अधिक होने के कारण नियंत्रण नहीं होता और फिर हादसा होता है जिसमें जानें जा रही। बस को तेज चलाने के लिए वाहन के चालक स्पीड गवर्नर से छेड़छाड़ करते हैं इसका खुलासा आरटीओ सुनील कुमार शुक्ला की जांच में ही सामने आया है। वाहन में क्षमता से अधिक यात्री बैठाए जा रहे हैं। बस के गेट पर लटककर भी लोग सफर कर रहे हैं।
लोग जल्दबाजी में उठा रहे जोखिम

आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। बसों में जगह नहीं होने के बाद लोग समय बचाने के लिए गेट पर लटककर और खड़े-खड़े सफर करने को तैयार हो जाते हैं। किराया पूरा देते हैं, लेकिन सुरक्षित सफर के लिए कुछ समय रुकना नहीं चाहते। वाहनों में ओवरलोडिंग की यह भी एक बड़ी वजह है। इसका भी आमजन विरोध नहीं करता। लोग जागरूक हो जाएं तो इस तरह की नौबत नहीं आएगी।

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