उल्लेखनीय है कि नगर निगम बाजार बैठकी ठेके के साथ-साथ नया बैल बाजार, राजीव गांधी बस स्टैंड और मानसरोवर बस स्टैंड की पार्किंग के ठेके के लिए हर वर्ष निविदा निकालता है। बाजार बैठकी में भी इस बार निगम को कोई खास फायदा नहीं हुआ। जबकि नया बैल बाजार में भी काफी जद्दोजहद के बाद ठेकेदारों ने रुचि दिखाई। वहीं बस स्टैंड की स्थिति को देखते हुए किसी ने बोली लगाई ही नहीं।
पार्किंग शुल्क में अब तक नहीं हुआ इजाफा
ठेकेदारों का कहना है कि कोरोना के बाद से सभी तरफ दरें बढ़ रही हैं लेकिन पार्किंग शुल्क अब भी 15 से लेकर 40 रुपए प्रति फेरा ही वसूल किया जा रहा है। 2017 में एक बार नगर निगम की परिषद में शुल्क बढ़ाया गया था वही शुल्क अब भी चल रहा है। जबकि नगर निगम द्वारा हर वर्ष दस प्रतिशत ठेका ऑफर दर बढ़ाई जाती रही है। इस वर्ष भी मानसरोवर बस स्टैंड का 27.50 लाख रुपए और राजीव गांधी बस स्टंैड का ठेका ऑफर 23 लाख रुपए से ज्यादा है, जो कि पिछले सत्र के ठेके से करीब दस प्रतिशत अधिक है। वहीं बड़े-बड़े बस ऑपरेटरों ने अभी भी अपनी बसें सभी रूटों में शुरू भी नहीं की हैं।
बस स्टैंडों में भी नहीं रहती जगह
पार्किंग ठेकेदारों ने बताया कि बस स्टैंड पर कई बड़े ऑपरेटरों की बसें सुबह से शाम तक खड़ी रहती हैं। इनमें से कुछ रसूखदार बस ऑपरेटर पार्किंग शुल्क तो देते ही नहीं। वहीं दूसरी ओर ऐसे वाहन जो शुल्क देने को तैयार हैं वे जगह की कमी के कारण पहुंच ही नहीं पाते। इससे आय पर संशय बना रहता है।
लगातार खड़े रहने वाले वाहनों के कारण बस स्टैंड पर जगह नहीं रहती। दूसरे वाहन बस स्टैंड के बाहर से ही चले जाते हैं। वाहनों की संख्या पहले से काफी कम हो चुकी है और शुल्क भी पांच साल से बढ़ा नहीं है।
कृष्णा मिनोटे, पार्किंग ठेकेदार
पार्किंग ठेकेदार अपनी समस्याओं को लिखकर निगम को दें। उनकी जो भी समस्या होगी उस पर विचार किया जाएगा। दूसरी बार पार्किंग ठेके की निविदा जल्द ही बुलाई जाएगी।
हिमांशु सिंह, नगर निगम आयुक्त