इन समस्याओं को दूर किए बिना हम सुंदर और नम्बर वन शहर को आकार नहीं दे पाएंगे। यह विचार गुरुवार को ‘पत्रिका’ कार्यालय में डेहरिया समाज के पदाधिकारियों और सामाजिक बंधुओं ने व्यक्त किए। सामाजिक सरोकार अभियान के तहत उनसे शहर के विकास और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान अलग-अलग सुझाव सामने आए। एक राय यही बनी कि विकास में जितना प्रयास प्रशासन और नगर निगम करे, उतना ही समाज को भी अपनी भागीदारी देनी होगी।
रोजगारोन्मुखी शिक्षा इस युग की प्राथमिकता हो। इससे युवाओं के पास रोजगार होगा तो विकास के रास्ते खुद खुल जाएंगे। एक समस्या पार्किंग है। उसके इंतजाम के बिना पुलिस को वाहनों के चालान नहीं काटना चाहिए।
टीपी डेहरिया,रिटायर्ड स्टेट बैंक अधिकारी
टीपी डेहरिया,रिटायर्ड स्टेट बैंक अधिकारी
वार्ड नं.४८ के शंकर नगर में घरों के ऊपर बिजली के तार हैं। उसे व्यवस्थित किया जाना चाहिए। साथ ही निगम को कचरा प्रबंधन ठीक करना होगा। पाइप लाइन और नाली निर्माण में प्लानिंग से काम करे तो उखाडऩे की नौबत नहीं आएगी।
रामदयाल डेहरिया,रिटायर्ड वेकोलि अधिकारी
शहरी गलियों में निर्माण मटेरियल पड़ा होने से सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं। इसे रोकना बेहद आवश्यक है। पौधरोपण और जल प्रबंधन पर काम करके हम शहर को सुंदर बना सकते हैं।
दिनेश डेहरिया, युवा प्रकोष्ठ कार्यकारी अध्यक्ष
शहर का विकास बिना प्लानिंग किया जा रहा है। सडक़ के बाद सीवर लाइन निर्माण इसका उदाहरण है। पंचशील कॉलोनी में सफाई की शिकायत है। निगम के तकनीकी और स्वच्छता अमले को समझकर ध्यान देना होगा।
शिवनारायण डेहरिया, जिलाध्यक्ष डेहरिया समाज
शिवनारायण डेहरिया, जिलाध्यक्ष डेहरिया समाज
हमारे शहर में नाले-नालियों की नियमित सफाई होना चाहिए। चित्रकूट कॉम्प्लैक्स के आसपास शिकायतें बनी हुई हैं। नगर निगम को स्वच्छता में नम्बर वन आने के लिए यह पहल की जानी चाहिए।
जेएल मेहरा, वरिष्ठ नागरिक समिति सदस्य
रोड किनारे अतिक्रमण को रोकना आवश्यक है। इसी तरह बिना पार्किंग के व्यावसायिक काम्ॅप्लेक्स बनाने की अनमुति नहीं दी जाना चाहिए। नाले-नालों की सफाई के साथ वाटर हार्वेस्टिंग पर भी निगम को ध्यान देना होगा।
अनंदीलाल डेहरिया, रिटायर्ड एसडीओ
शहर की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। इसकी पहल नगरनिगम प्रशासन को करनी चाहिए। इसके अभाव में लोगों को अपने वाहनों के चालान कटवाने पड़ रहे हैं।
-अविनाश डेहरिया, शासकीय कर्मचारी
शक्ति नगर में दो वार्डों की सीमा होने से स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाता। जितनी शहर को स्वच्छ बनाने में अपेक्षा की जाती है। निगम इस व्यवस्था को सुधारे तो हम सुंदरता में चार चांद लगा पाएंगे।
-समिता नागरे, कोषाध्यक्ष