दुखों के निवारण का मार्ग है बुद्ध मार्ग
छिंदवाड़ाPublished: May 19, 2019 05:12:06 pm
बुद्ध जयंती पर आयोजित
दुखों के निवारण का मार्ग है बुद्ध मार्ग
सौंसर. बुद्ध का धम्म सदाचार धम्म है स्वयं का विकास एवं मानव कल्याण का मार्ग धम्म प्रशस्त करता है। दुखों के निवारण का मार्ग बुद्ध ने हमें बताया है। तर्क, बुद्धि, विवेक से कृषि करें और बुद्ध के विचारों को अंगीकार करने से ही स्वयं, घर, परिवार, मानवजगत में शांति, समृद्धि, सफलता, सुखमय जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं। बुद्ध के विचार आज भी प्रासंगिक और सभी मानव जगत के कल्याण के लिए है। उक्त विचार धम्मगिरी काजलवाणी में बुद्ध धम्म प्रचार समिति द्वारा आयोजित बुद्ध जयंती पर आयोजित समारोह में उपस्थित अतिथि वक्ताओं के द्वारा प्रबोधन के माध्यम से मार्गदर्शन दिया गया।
सर्वप्रथम धम्मगिरी पर स्थित तथागत भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण कर सामूहिक रूप से बुद्ध वंदना ली गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. यादवराव ठवरे ने की। समिति संरक्षक केशवराव सोमकुंवर एवं मुख्य अतिथि के तौर पर शिक्षक शंकरराव बागड़े, सामाजिक कार्यकर्ता विज्ञान जंगम के द्वारा तथागत बुद्ध के अनमोल विचारों को अंगीकार कर आगे बढऩे की बात कही गई। कार्यक्रम का संचालन सुरेश दुफारे ने किया। आभार समिति उपाध्यक्ष मोरेश्वर रंगारे ने किया। आयोजित बुद्ध जयंती समारोह के अवसर पर सौंसर सहित दूरदराज से बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयाई उपस्थित रहे। कार्यक्रम पश्चात भोजनदान हुआ। ,
बौद्ध विहार में हुई सामूहिक बुद्ध वंदना: बुद्ध विहार सौंसर में तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा समक्ष एवं डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा समक्ष दीप प्रज्वलन माल्यार्पण कर सामूहिक रूप से बुद्ध वंदना ली गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बौद्ध उपासक उपासिका मौजूद रही। दिनभर बौद्ध विहार में बौद्ध अनुयायियों की उपस्थिति रौनक बनी रही।