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सुधारने की जगह बिगाड़ी जा रही मरीजों की तबीयत

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 20, 2017 12:53:41 pm

Submitted by:

dinesh sahu

जिला अस्पताल में मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर चिकित्सक गम्भीर नहीं है। यहां मरीजों को पूरा इलाज दिए बिना ही छुट्टी दे दी जाती है।

सुधारने की जगह बिगाड़ी जा रही मरीजों की तबीयत

सुधारने की जगह बिगाड़ी जा रही मरीजों की तबीयत

छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल में मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर चिकित्सक गम्भीर नहीं है। यहां मरीजों को पूरा इलाज दिए बिना ही छुट्टी दे दी जाती है। कई बार इस लापरवाही की वजह से मरीज की जान पर बन आती है। एेसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व अमरवाड़ा निवासी एक महिला को स्वाइन फ्लू संदिग्ध होने पर भर्ती कर जांच के लिए सेम्पल जबलपुर भेजा गया था। लेकिन विभाग ने रिपोर्ट का इंतजार किए बिना ही मरीज को छुट्टी दे दी। जबकि मंगलवार को महिला की एच-१ एन-१ वायरस की पॉजिटिव रिपोर्ट आई है तथा वार्ड में एक संदिग्ध अभी भी भर्ती है।
स्वाइन फ्लू संदिग्ध की पॉजिटिव आई रिपोर्ट


बताया जाता है कि वर्तमान में सम्बंधित महिला मरीज का उपचार नागपुर के एक निजी अस्पताल में जारी है। वहीं विभाग महिला को वापस जिला अस्पताल में भर्ती कराने के लिए प्रयासरत है। गौरतलब है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हाल ही में जिला पंचायत सदस्य अंगूरी नागवंशी के भाई सुरेश की मौत डेंगू की वजह से हो गई थी। जिला अस्पताल मेंं डॉक्टरों ने युवक की स्थिति सामान्य बताई थी।
मरीजों को रोज मिलेगी साफ चादर


जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को दूषित चादरों से अब मुक्ति मिल जाएगी तथा कुछ ही समय के इंतजार में साफ व धुली हुई चादर मिल सकेगी। इसके लिए मंगलवार को सुबह ११ बजे विधायक तथा कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में स्थित आधुनिक तकनीक वाली लांड्री की शुरुआत की है।

इस अवसर पर विधायक चौधरी चंद्रभान सिंह ने फीता काटकर लांड्री को शुरू किया। कार्यक्रम में कलेक्टर जेके जैन, सीएमएचओ डॉ. जेएस गोगिया, आरएमओ डॉ. सुशील दुबे, डॉ. शिखर सुराना समेत अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। लांड्री संचालक रविंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि मशीनों के माध्यम से गंदी चादरों को कुछ ही समय में साफ तथा सूखाकर उपयोग में लाया जा सकेगा।

ये हैं विशेषताएं


१. मशीन एक घंटे में ५० से ६५ चादर तथा ३५ से४० कम्बल धो सकती है।


२. एक बार की धुलाई में ८०० से १००० लीटर पानी लगता है।

३. लिक्विड कैमिकल के उपयोग से होती है धुलाई, वाशिंग पावडर का कम उपयोग होता है।


४. धुलाई के बाद निकलने वाला दूषित पानी हानिकारक नहीं है।


५. ६५० हार्स पावर की कुल तीन मशीनों का उपयोग होगा लांड्री में।
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