Swarnimbharat : भोले का अभिषेक करें नए संकल्प के साथ
छिंदवाड़ाPublished: Feb 20, 2020 06:35:37 pm
पत्रिका स्वर्णिम भारत महाअभियान
swarnim bharat : प्लास्टिक मुक्ति के संकल्प के साथ करें भोले का अभिषेक
छिंदवाड़ा/ अपने आसपास के माहौल को हम कैसे स्वच्छ और स्वस्थ रखें इसके लिए स्वच्छता के लिए सिर्फ दस मिनट यह स्वर्णिम भारत महाअभियान पत्रिका चला रहा है। शिवरात्रि 21 फरवरी को है। इस दिन शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना, अभिषेक के लिए भक्त बड़ी संख्या में उमड़ते हैं। छिंदवाड़ा में भी कई जगहों पर विशेष मेला लगता है। इस बार पत्रिका इन जगहों पर आयोजनकर्ताओं के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों से भी अभियान में अपनी भागीदारी देने और लोगों को इससे जोडऩे की कोशिश कर रहा है। यहां मेले में स्वयंसेवी के रूप में काम करने वाले सामाजिक संगठन और निशुल्क फलाहारी भंडारा कराने वाले धार्मिक संगठनों ने भी स्वच्छता के प्रति पत्रिका के अभियान में सहयोग देने कहा है।
संस्थाओं के पदाधिकारियों और सदस्यों का कहना है कि लोगों को खुद स्वच्छता की शपथ लेकर ऐसे आयोजनों से जुडऩा चाहिए और लोगों को भी संदेश देना चाहिए।
शहर में पातालेश्वर में वर्ष का सबसे मेला लगता है। 20 फरवरी की रात 12 बजे से यहां पूजन-अभिषेक शुरू हो जाएगा। रात दो बजे से यह मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खुल जाएगा जो 21 तारीख की रात तक खुला रहेगा। यहां पातालेश्वर धाम प्रबंध कार्यकारिणी समिति मेले का आयोजन करती है। समिति के मुख्य संरक्षक और प्रमुख रमेश पोफली ने बताया कि यूं तो हम पिछले कुछ सालों से स्वच्छ भारत अभियान से लोगों को जोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। हम भगवान के अभिषेक के लिए दूध और फल-फूल आदि प्लास्टिक की चीजों में न लाने के लिए निवेदन कर रहे हैं। पत्रिका भी यह अभियान चला रहा है अच्छी बात है। लोग इससे स्वच्छता के प्रति और जागरूक होंगे।
समिति के ही अजय शुक्ला ने बताया कि मेले जैसे अवसर पर अपनी बात बड़ी स्तर पर रखी जा सकती है। समिति अनाउंसमेंट के जरिए भी लोगों को स्वच्छता के प्रति सजग रहने के लिए कहती है। उन्होंने बताया कि पत्रिका के स्वर्णिम भारत अभियान के जरिए लोगों को जोडऩे के लिए यह मेला एक उपयुक्त मौका रहेगा। समिति के सक्रिय कार्यकर्ता वियज गुप्ता का कहना है कि इस अभियान से लोगों को खुद जुडऩा चाहिए। सार्वजनिक आयोजनों में तो हमें प्लास्टिक और अन्य ऐसी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे ज्यादा मात्रा में प्रदूषण होता है। धार्मिक कार्यक्रमों में इस तरह शुचिता के उद्देश्य से किया गया प्रयास सराहनीय है। इसे सभी को सपोर्ट करना चाहिए।