यहां बना रहता है मूवमेंट
17 से 19 नवम्बर 2021 तक चली मांसाहारी वन्यप्राणियों की गणना में जिले के जाखावाड़ी, सारंगबिहरी, सिरकुही, उमरानाला, जैतपुर, आमाकुही, लिंगा के आसपास बाघ की विष्ठा व पगमार्क के प्रमाण मिले। वहीं गौलीदौन में तेंदुआ के निशान मिले। कुछ वर्ष पहले बिछुआ के पुलपुलडोह, सिंगारदीप और दूधगांव में बाघ दिखाई देने पर ग्रामवासियों को रतजगा करना पड़ा था तो वहीं चौरई के साजपानी, जमतरा, गुमतरा में आए दिन वन्यजीवों की दहशत बनी रहती है।
क्या है बफर जोन
नेशनल पार्क में कोर जोन टाइगर रिजर्व का वह क्षेत्र होता है जिसमें बाघ शिकार करता है जबकि बफर जोन इसके आसपास का वह क्षेत्र होता है जहां बाघ जैसे वन्यजीव के लिए भोजन में इस्तेमाल होने वाले जानवर रहते हैं। बफर जोन में कोर क्षेत्र की तुलना में कम पर्यावास संरक्षण की आवश्यकता है ताकि बाघ एवं अन्य प्रजातियों के वन्य प्राणियों के विचरण के लिए क्षेत्र उपलब्ध हो सके।
इनका कहना है
कर्माझिरी ग्राम को विस्थापित करने का प्रयास जारी है। यह मामला अटका नहीं है। भारत सरकार के यहां यह प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। कर्माझिरी के शामिल हो जाने के बाद एक बड़ा ग्रास लैण्ड मिल जाएगा। पेंच टाइगर रिजर्व में अभी इसकी कमी बनी हुई है।
– अशोक कुमार मिश्रा, क्षेत्र संचालक पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी