कोरोना ने मार्च माह में दस्तक दे दी थीं, जिसके बाद से यात्री बसों का संचालन बंद है। प्रशासन की पहल पर पिछले दिनों से बसें संचालित करना शुरू किया गया, लेकिन पर्याप्त यात्री नहीं मिलने के कारण बस मालिकों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के बढ़ते मरीजों के कारण लोग ऐसे वाहन से सफर करने से बच रहे हैं, जिसमें बहुत अधिक यात्री बैठते हैं। सफर के लिए लोग या तो निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे या फिर किराए पर टैक्सी ले रहे हैं। लोग बाइक और कार से लम्बी दूरी तय कर रहे मगर बस से यात्रा नहीं करना चाह रहे हैं। लोगों में कोरोना संक्रमण का डर इस कदर बैठा हुआ है कि वे टैक्सी को भी किसी अन्य यात्री के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं। बसों के संचालन का खर्च नहीं निकलने पर भी प्रशासन की पहल पर मालिक सड़कों पर बसें दौड़ा रहे हैं।
बसों का नहीं निकल रहा खर्च
कम से कम दूरी पर छिंदवाड़ा से सिवनी तक बस का संचालन किया फिर यात्री नहीं मिले। चुनिंदा यात्रियों को लेकर बसें चलाना संभव नहीं है। प्रशासन की पहल पर बसें संचालित है, लेकिन बस मालिकों का खर्च भी नहीं निकल रहा है।
-रोमी राय, अध्यक्ष, जिला बस एसोसिएशन
बस के सफर से बच रहे लोग
कोरोना महामारी के कारण लोग यात्री बस में सफर करने से कतरा रहे हैं। बस के लिए पर्याप्त की बात तो दूर प्रत्येक सीट के लिए यात्री नहीं मिल रहे। ऐसे स्थिति में बस का संचालन नहीं किया जा सकता।
-अजीत पटेल, संरक्षक, जिला बस एसोसिएशन
संक्रमण बढऩे का खतरा
यात्री बस के संचालन से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ेगा। महाराष्ट्र या फिर अन्य जिलों से यात्रियों की आवाजाही कोरोना को बढ़ाने में मददगार होगी।
-दुर्गेश नरोटे, नागरिक
आवश्यकता नहीं है
वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए यात्री बस के संचालन की आवश्यकता नहीं। जिसे सफर करना है वह स्वयं वाहन का इंतजाम कर रहे हैं। थोड़ी दूरी तय करने के लिए लगभग लोगों के पास साधन भी है।
-रोहित मालवीय, नागरिक