लेकिन हर कोई ब्लड डोनेशन नहीं करना चाहता है तथा कुछ स्थितियों में ब्लड एक्सचेंज के लिए मरीज के परिजन या दोस्तों को जिला अस्पताल बुलाने का प्रयास करते है, पर संक्रमण के भय से वे नहीं आते है। इसलिए समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। ऐसे में ब्लड आर्मी सोशल गु्रप काफी एक्टिव है तथा सूचना मिलने पर गु्रप के सदस्य मदद के लिए पहुंच जाते है।
बताया जाता है कि गु्रप के माध्यम से अब तक 1000 करीब डोनेशन हो चुके है। ब्लड बैंक काउंसलर अविकांत बेले ने बताया कि कोरोना संक्रमण किसी को न हो इसका ध्यान रखा जाता है तथा वर्तमान में सबसे सुरक्षित ब्लड बैंक विभाग ही है। इसलिए लोगों को मरीजों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
अभी यह है स्थिति –
ब्लड समूह उपलब्धता
ओ – पॉजिटिव 23
ओ – नेगेटिव 01
बी – पॉजिटिव 13
ए – पॉजिटिव 04
एबी – पॉजिटिव 03
एबी – नेगेटिव 01
आपके द्वार आएगा ब्लड बैंक –
काउंसलर बेले ने बताया कि किसी डोनर को अस्पताल पहुंचने में संकोच है तो उसके निदान के लिए ब्लड बैंक उन तक पहुंच सकता है। इसके लिए करीब पांच से दस डोनर किसी एक स्थान पर एकत्रित होकर सूचना दे सकते है। समूचे सुरक्षा और संसाधनों के साथ मोबाइल ब्लड बैंक डोनेशन के लिए उपलब्ध हो जाएगा।
ब्लाकों से नहीं मिलता कोई सहयोग –
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक के सहयोगी सौंसर, पांढुर्ना तथा अमरवाड़ा है, पर वर्तमान में अमरवाड़ा निष्क्रिय है। वहीं जिले के अन्य ब्लाकों से भी कोई सहयोग नहीं मिलता है, जबकि जिला अस्पताल में हर क्षेत्र से मरीज पहुंचते है।