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परफारमेंट ग्रांट: सरकार के इस आदेश से गांव की नेतागिरी दांव पर

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 18, 2019 11:33:14 am

Submitted by:

manohar soni

अभी तक नहीं आए प्रतिबंध हटाने के आदेश,पंचायत चुनाव की आचार संहिता की अलग चिंता
 

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छिंदवाड़ा/ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिला और जनपद सदस्यों की सालाना परफारमेंस ग्रांट पर दोबारा रोक लगा दी गई है। इससे ये जनप्रतिनिधि फिर निराश हो गए हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में अतिवृष्टि प्रभावित लोगों और क्षतिग्रस्त पुल-पुलिया सुधरवाने का आश्वासन व वायदे कर दिए थे। ग्रांट रुकने से ये दांव पर लग गए हैं। वह भी ऐसे समय पर जब पंचायत चुनाव के तीन माह शेष रह गए हैं।
पिछले माह सितम्बर में पंचायतीराज संचालनालय द्वारा विकास कार्यो के लिए जनपद व जिला पंचायत सदस्यों को सालाना परफारमेंस ग्रांट जारी की गई थी। इसके तत्काल बाद उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया। फिर 25 सितम्बर को सशर्त रोक हटाने के आदेश जारी किए गए कि इस राशि का उपयोग अतिवर्षा व बाढ़ प्रभावित इलाकों के सार्वजनिक भवन,पुल-पुलिया व व्यक्तिगत आवास निर्माण में होगा। इसके आधार पर जनपद व जिला पंचायत सदस्यों ने अपने क्षेत्र के लोगों को काम करने के लिए आश्वस्त कर दिया था और कुछ लोगों को वचन भी दे दिया था। फिर 6 अक्टूबर को पुन: इस ग्रांट पर दोबारा रोक लगा दी गई। 11 दिन बीत जाने के बाद भी दोबारा प्रतिबंध हटाने के आदेश नहीं आए हैं। इससे ये जनप्रतिनिधि निराश हो गए हैं। उनकी चिंता यह है कि एक-दो माह बाद पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई तो वे इस राशि पर गांवों में किए गए वादे निभा नहीं पाएंगे। इससे गांवों में उनकी बदनामी होगी। गौरतलब है जिला पंचायत स्तर पर अध्यक्ष को 50 लाख,उपाध्यक्ष 20 लाख और सदस्य को 15-15 लाख रुपए की परफारमेंस ग्रांट की अनुशंसा करने के अधिकार दिए गए हैं। जबकि जनपद स्तर पर अध्यक्ष से लेकर सदस्यों का अनुपात करीब 10 से 6 लाख रुपए के बीच रखा गया है।

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