– शेफाली शर्मा, छिंदवाड़ा ——— होली यूं तो पांच दिनों का त्योहार है होली
जीवन जीने का आधार है होली
गर मन से मन के संबंध जुड़ जाए
तो हर दिन त्योहार है होली
माना अपनी जेब में कौड़ी नहीं
और आ गया है त्योहार होली
गले मिलो और मिलाओ दिल
परम्परा की सुन्दर सौगात है होली
होली में जो करते अपनी खराब बोली
नादां है हुरियारे और उनकी टोली
भूल जाये हम गिले शिकवे रंगों के रंग में
सब त्योहारों का एक सुंदर हार है होली
जीवन जीने का आधार है होली
गर मन से मन के संबंध जुड़ जाए
तो हर दिन त्योहार है होली
माना अपनी जेब में कौड़ी नहीं
और आ गया है त्योहार होली
गले मिलो और मिलाओ दिल
परम्परा की सुन्दर सौगात है होली
होली में जो करते अपनी खराब बोली
नादां है हुरियारे और उनकी टोली
भूल जाये हम गिले शिकवे रंगों के रंग में
सब त्योहारों का एक सुंदर हार है होली
क्षणिका जब मिला नहीं कोई
होली खेलने वाला
तो नजर आया हमें
हमारा दूध वाला
हमने कहा
होली खेलने चलोगे
वह बोला
नेकी और वह भी पूछ-पूछ करोगे ?
अरे ! हम तो कबसे
भाभीजी पर नैनो की पिचकारी से
प्रेम के रंग बरसा रहे है
और एक आप है जो
उन्हें होली खेलने से तरसा रहे है
होली खेलने वाला
तो नजर आया हमें
हमारा दूध वाला
हमने कहा
होली खेलने चलोगे
वह बोला
नेकी और वह भी पूछ-पूछ करोगे ?
अरे ! हम तो कबसे
भाभीजी पर नैनो की पिचकारी से
प्रेम के रंग बरसा रहे है
और एक आप है जो
उन्हें होली खेलने से तरसा रहे है
– विशाल शुक्ल, छिंदवाड़ा