कैबिनेट में प्रस्ताव पर लगेगी मुहर
विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन की प्रक्रिया दो तरह से हो सकती है। जानकारों के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर मुख्यमंत्री की घोषणा से अवगत कराते हुए अग्रिम कार्यवाही करने को कहेंगे। इसके बाद सभी औपचारिकता पूरी की जाएगी। सभी जगह नाम बदले जाएंगे। इसके पश्चात विश्वविद्यालय पालन प्रतिवेदन राजभवन को भेजेगा। हालांकि कुछ जानकारों का कहना कि संभवत: कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा और वहां से पास होने के बाद नाम परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कौन थे राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह
राजा शंकर शाह गोंडवाना साम्राज्य के राजा थे। 1857 के विद्रोह की ज्वाला पूरे भारत में धधक रही थी। राजा शंकर शाह ने अपनी मातृभूमि को अंग्रेजों से स्वतंत्रत कराने के लिए युद्ध का आव्हान किया। इस संग्राम में कुंवर रघुनाथ ने अपने पिता राजा शंकर शाह का बढ़-चढकऱ सहयोग दिया। बताया जाता है कि 1857 में जबलपुर में तैनात अंग्रेजों की 52वीं रेजीमेंट का कमांडर क्लार्क के सामने राजा शंकर शाह और उनके बेटे कुंवर रघुनाथ शाह ने झुकने से इंकार कर दिया। दोनों ने आसपास के राजाओं को अंग्रेजों के खिलाफ एकत्र करना शुरू किया। कमांडर क्लार्क को अपने गुप्तचरों से यह बात पता चल गई, जिस पर क्लार्क ने राज्य पर हमला बोल दिया। अंग्रेज कमांडर ने धोखे से पिता-पुत्र को बंदी बना लिया। 18 सितंबर को दोनों को तोप के मुंह से बांधकर उड़ा दिया गया था। उसके बाद से हर साल 18 सितंबर को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इनका कहना है.. विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन को लेकर अब तक कोई पत्र नहीं मिला है। संभवत: कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रस्ताव पास होने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी होगी।
प्रो. एमके श्रीवास्तव, कुलपति, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय
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प्रो. एमके श्रीवास्तव, कुलपति, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय
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