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Politics: अमृत शहरों की सूची सबसे नीचे कमलनाथ का शहर, पहले सिवनी फिर बालाघाट का बनेगा मास्टर प्लान

locationछिंदवाड़ाPublished: Feb 20, 2021 11:10:29 am

Submitted by:

prabha shankar

सिवनी के मास्टर प्लान के लिए छिंदवाड़ा से दौड़ भाग कर रहे अधिकारी

Master Plan: The process slowed down after the fall of Kamal Nath govt

Master Plan: The process slowed down after the fall of Kamal Nath govt

छिंदवाड़ा। प्रदेश की सत्ता में बदलाव का असर हर प्रोजेक्ट की उपेक्षा के रूप में नजर आने लगा है। प्रदेश के 34 अमृत शहरों के मास्टर प्लान में छिंदवाड़ा शहर को सबसे अंतिम स्थान दे दिया गया है तो वहीं पहले सिवनी और फिर बालाघाट के प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देने के संकेत दे दिए गए हैं। इससे माना जा रहा है कि छिंदवाड़ा का बहुप्रतीक्षित मास्टर प्लान-2035 अब पांच साल के लिए ठंडे बस्ते में चला गया है।
नगर एवं ग्राम निवेश विभाग का सम्भागीय ऑफिस जिला मुख्यालय में है। इसके अधीन सिवनी और बालाघाट जिले भी आते हैं। चार माह पहले छिंदवाड़ा के मास्टर प्लान में 27 गांवों के निवेश क्षेत्र को जोडऩे के बाद उसका राजपत्र में प्रकाशन हुआ और उसकी दावे-आपत्तियों का निराकरण भी किया गया। उसके बाद इसकी फाइल सत्ता के दबाव में बंद कर दी गई है।
सभी विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को सिवनी के मास्टर प्लान को फाइनल करने में लगा दिया गया है। सिवनी का मास्टर प्लान इस फुर्ती से तैयार किया गया कि उसमें दावे-आपत्तियां भी शुरू हो गई हैं। आनेवाले माह में उसका अंतिम प्रकाशन होने के संकेत मिल रहे हैं।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि सिवनी का मास्टर प्लान जैसे ही फाइनल होगा, वैसे ही बालाघाट का काम शुरू हो जाएगा क्योंकि प्रदेश के 10 अतिरिक्त अमृत शहरों में बालाघाट का नाम शामिल हो गया है। इसके चलते यहां का नया मास्टर प्लान तैयार करना होगा।
छिंदवाड़ा के बारे में भोपाल से अभी कुछ न करने को कहा गया है। साफ है कि राजनीति के चलते छिंदवाड़ा को यह नुकसान तो फिलहाल उठाना पड़ेगा। अगले पांच साल तक सत्ता के गलियारों से लेकर प्रशासनिक स्तर पर शायद ही इसकी चर्चा होगी।

मास्टर प्लान में ये होना था अभी
नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा 27 गांवों को जोड़ते हुए आपत्तियों और सुझाव का निराकरण कर दिया गया था। अब 55 गांवों और पुराना शहर का संयुक्त नक्शा बनाया जाना था। उसमें मास्टर प्लान का लक्ष्य 2035 तथा जनसंख्या 4.50 लाख मानकर जमीन का घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक नियोजन होना था। फिर नक्शे और अधिसूचना का प्रकाशन कर पुन: दावे-आपत्तियां बुलाई जातीं और फिर उसका निराकरण करते हुए अंतिम प्रकाशन होता। फिलहाल ऐसी कोई सम्भावनाएं नजर नहीं आ रही है।

इनका कहना है
अभी सिवनी के मास्टर प्लान में दावे-आपत्तियों पर काम शुरू किया गया है। बालाघाट भी अमृत शहरों की सूची में शामिल हो गया है। छिंदवाड़ा के मास्टर प्लान के बारे में जैसे दिशा-निर्देश मिलेंगे, वैसे ही काम किया जाएगा।
-वीएस परस्ते, सहायक संचालक, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग

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