मास्टर प्लान में ये होना था अभी
नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा 27 गांवों को जोड़ते हुए आपत्तियों और सुझाव का निराकरण कर दिया गया था। अब 55 गांवों और पुराना शहर का संयुक्त नक्शा बनाया जाना था। उसमें मास्टर प्लान का लक्ष्य 2035 तथा जनसंख्या 4.50 लाख मानकर जमीन का घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक नियोजन होना था। फिर नक्शे और अधिसूचना का प्रकाशन कर पुन: दावे-आपत्तियां बुलाई जातीं और फिर उसका निराकरण करते हुए अंतिम प्रकाशन होता। फिलहाल ऐसी कोई सम्भावनाएं नजर नहीं आ रही है।
इनका कहना है
अभी सिवनी के मास्टर प्लान में दावे-आपत्तियों पर काम शुरू किया गया है। बालाघाट भी अमृत शहरों की सूची में शामिल हो गया है। छिंदवाड़ा के मास्टर प्लान के बारे में जैसे दिशा-निर्देश मिलेंगे, वैसे ही काम किया जाएगा।
-वीएस परस्ते, सहायक संचालक, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग