scriptPolitics: शहर में फिर लौटेगी पुरानी सरकार, बस गाइडलाइन का इंतजार | Politics: Old government will return to the city again | Patrika News

Politics: शहर में फिर लौटेगी पुरानी सरकार, बस गाइडलाइन का इंतजार

locationछिंदवाड़ाPublished: Apr 22, 2020 05:00:46 pm

Submitted by:

prabha shankar

Politics: शिवराज सरकार के फैसले से होंगी प्रशासकीय समिति की मुखिया: पूर्व सभापति और पार्षद बन सकते हैं सदस्य

Politics

churu Politics: बजट के बहाने राजनीतिक दांवपेच कैसे आजमाए गए, जानिए

 

छिंदवाड़ा/ नगर निगम में निवृतमान महापौर कांता सदारंग की सत्ता फिर से लौटेगी। वे एक साल की प्रशासकीय समिति की मुखिया होंगी। इस समिति में सदस्य बतौर पूर्व पार्षद और सभापति भी शामिल होंगे। शिवराज सरकार के मंगलवार को लिए गए फैसले के बाद सदारंग और उनकी परिषद के सदस्य उत्साहित नजर आए। उन्होंने कहा कि पहले कोरोना वायरस से उत्पन्न समस्याओं से निपटेंगे। उसके बाद शहर के अधूरे पड़े विकास कार्यों को गति देंगे। उन्हें अब प्रशासकीय समिति के अधिकार की गाइडलाइन का बेसब्री से इंतजार है।
नगर निगम की महापौर परिषद का कार्यकाल दो माह पहले 17 फरवरी को समाप्त हुआ था और कलेक्टर को निगम का प्रशासक नियुक्त किया गया था। तब से ही निगम चुनाव का इंतजार जनप्रतिनिधि कर रहे थे। इससे पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा नगर निगम के वार्ड का परिसीमन करते हुए उन्हें 48 से बढ़ाकर 50 कर दिया गया था। केवल वार्ड आरक्षण प्रक्रिया रह गई थी।
इसके अलावा महापौर का आरक्षण भी भोपाल से नहीं हुआ था। इन सब पेंच का हल आगे निकल पाता, इससे पहले ही प्रदेश में सत्ता बदली और कोरोना वायरस का संक्रमणकाल शुरू हो गया। फिलहाल शिवराज सरकार के फैसले से नगर निगम में फिर से महापौर कांता सदारंग और पार्षदों की सत्ता दिखाई देगी।

पूर्ववर्ती निकाय के सदस्य होंगे शामिल
प्र देश सरकार के निर्णय के अनुसार ऐसे नगरीय निकाय, जिनकी समयावधि समाप्त हो चुकी थी, उनमें प्रशासकीय समिति का गठन किया जाएगा। समिति में वह सभी निर्वाचित सदस्य रहेंगे, जो पूर्ववती निकाय में सदस्य थे और अन्यथा निर्हरित नहीं हुए हैं। यह समिति एक वर्ष तक या उक्त निकायों का निर्वाचन होने तक, इन दोनों में से जो भी पहले हो, तक कार्य करेगी। प्रशासकीय समिति की अध्यक्षता सम्बंधित नगरीय निकाय का मेयर या अध्यक्ष करेगा। प्रशासकीय समिति के अध्यक्ष तथा सदस्यों के अधिकारों के बारे में राज्य शासन द्वारा अलग से निर्णय लिया जाएगा।

दस निकाय अध्यक्ष भी फिर से होंगे पावरफुल… नगरीय निकाय चौरई, परासिया, चांदामेटा बडक़ुही, चांद, बिछुआ, लोधीखेड़ा, पिपला नारायणवार, न्यूटन और अमरवाड़ा की परिषद का पंचवर्षीय कार्यकाल आठ से 12 जनवरी के बीच समाप्त हो गया था। सरकार के फैसले के बाद इन क्षेत्रों में भी प्रशासकीय समितियों का गठन हो जाएगा। निवृतमान निकाय अध्यक्ष और पार्षद फिर से पावरफुल हो जाएंगे।


पहले कोरोना से जंग, फिर दूसरी प्राथमिकताएं
निगम की प्रशासकीय समिति का मुखिया का पद
सम्भालते ही सबसे पहले कोरोना से जंग लड़ेंगे। शहर के वार्डों में उत्पन्न स्थिति का जनभावनाओं के अनुरूप निराकरण होगा। उसके बाद हमारी प्राथमिकता शहर के अधूरे विकास कार्यों पर भी होगी। कांग्रेस के 15 माह के शासनकाल के दौरान मुझे प्रताडि़त और अपमानित किया गया, लेकिन हम बिना किसी भेदभाव के काम करेंगे।
कांता सदारंग, नगर निगम की प्रशासकीय समिति की भावी प्रमुख

नगर निगम में प्रशासकीय समिति के पावर में आने के बाद हम जनसमस्याओं के समाधान तेजी से करेंगे। शहर के अधूरे विकास कार्य जैसे ग्रामीण इलाकों में पेयजल, सीवर लाइन समेत प्रोजेक्ट को गति देना हमारी प्राथमिकता होगी।
धर्मेन्द्र मिगलानी, पूर्व अध्यक्ष नगर निगम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो