पूर्ववर्ती निकाय के सदस्य होंगे शामिल
प्र देश सरकार के निर्णय के अनुसार ऐसे नगरीय निकाय, जिनकी समयावधि समाप्त हो चुकी थी, उनमें प्रशासकीय समिति का गठन किया जाएगा। समिति में वह सभी निर्वाचित सदस्य रहेंगे, जो पूर्ववती निकाय में सदस्य थे और अन्यथा निर्हरित नहीं हुए हैं। यह समिति एक वर्ष तक या उक्त निकायों का निर्वाचन होने तक, इन दोनों में से जो भी पहले हो, तक कार्य करेगी। प्रशासकीय समिति की अध्यक्षता सम्बंधित नगरीय निकाय का मेयर या अध्यक्ष करेगा। प्रशासकीय समिति के अध्यक्ष तथा सदस्यों के अधिकारों के बारे में राज्य शासन द्वारा अलग से निर्णय लिया जाएगा।
दस निकाय अध्यक्ष भी फिर से होंगे पावरफुल… नगरीय निकाय चौरई, परासिया, चांदामेटा बडक़ुही, चांद, बिछुआ, लोधीखेड़ा, पिपला नारायणवार, न्यूटन और अमरवाड़ा की परिषद का पंचवर्षीय कार्यकाल आठ से 12 जनवरी के बीच समाप्त हो गया था। सरकार के फैसले के बाद इन क्षेत्रों में भी प्रशासकीय समितियों का गठन हो जाएगा। निवृतमान निकाय अध्यक्ष और पार्षद फिर से पावरफुल हो जाएंगे।
पहले कोरोना से जंग, फिर दूसरी प्राथमिकताएं
निगम की प्रशासकीय समिति का मुखिया का पद
सम्भालते ही सबसे पहले कोरोना से जंग लड़ेंगे। शहर के वार्डों में उत्पन्न स्थिति का जनभावनाओं के अनुरूप निराकरण होगा। उसके बाद हमारी प्राथमिकता शहर के अधूरे विकास कार्यों पर भी होगी। कांग्रेस के 15 माह के शासनकाल के दौरान मुझे प्रताडि़त और अपमानित किया गया, लेकिन हम बिना किसी भेदभाव के काम करेंगे।
कांता सदारंग, नगर निगम की प्रशासकीय समिति की भावी प्रमुख
नगर निगम में प्रशासकीय समिति के पावर में आने के बाद हम जनसमस्याओं के समाधान तेजी से करेंगे। शहर के अधूरे विकास कार्य जैसे ग्रामीण इलाकों में पेयजल, सीवर लाइन समेत प्रोजेक्ट को गति देना हमारी प्राथमिकता होगी।
धर्मेन्द्र मिगलानी, पूर्व अध्यक्ष नगर निगम