दो साल से अतिथि शिक्षकों का पोर्टल बंद, डिग्री नहीं हो रही दर्ज
पोर्टल बंद होने की वजह से अतिथि शिक्षक अपनी बढ़ी हुई शैक्षणिक योग्यता को अपडेट नहीं कर पा रहे। अतिथि शिक्षकों ने बड़ी राशि खर्च कर डी.एड व बी.एड की है ।अतिथि शिक्षक प्रबंधन प्रणाली का पोर्टल लगभग दो साल से बंद हैं। शैक्षणिक योग्यता पोर्टल में दर्ज होती है तो वरीयता सूची में उनकी रैंक बढ़ती है।
छिंदवाड़ा
Published: April 17, 2022 09:23:43 pm
छिन्दवाड़ा/अमरवाड़ा. पोर्टल बंद होने की वजह से अतिथि शिक्षक अपनी बढ़ी हुई शैक्षणिक योग्यता को अपडेट नहीं कर पा रहे। अतिथि शिक्षकों ने बड़ी राशि खर्च कर डी.एड व बी.एड का प्रशिक्षण हासिल किया। लेकिन इन डिग्रियों को पोर्टल में दर्ज नहीं कर पा रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार अतिथि शिक्षक प्रबंधन प्रणाली का पोर्टल लगभग दो साल से बंद हैं।शैक्षणिक योग्यता पोर्टल में दर्ज होती है तो वरीयता सूची में उनकी रैंक बढ़ती है। लेकिन पोर्टल बंद होने के कारण डीएड बीएड किए हुए अतिथि शिक्षक की जानकारी सबमिट ने विभाग से जल्द पोर्टल को शुरु करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि अतिथि शिक्षकों के अध्यापन कार्य की वजह से कई स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बरकरार है। खास कर दूरदराज के गांवों, आदिवासी अंचलों के सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षकों के ही भरोसे चल रहे हैं। उन्होंने सरकार से अतिथि शिक्षक प्रबंधन प्रणाली पोर्टल को शुरु कराने की मांग की है। इधर उपसंचालक पशुपालन विभाग द्वारा बताया गया कि 18 अप्रैल से 31 जुलाई तक नेशन वाइड एनिमल हस्बेड्री डेयरी एवं फिशरीज केसीसी कैम्पेन वित्त विभाग द्वारा पुन: संचालित किया जा रहा है। अभियान अंतर्गत पात्र पशुपालक, दुग्ध उत्पादक संगठन को किसान के्रडिट कार्ड उपलब्ध कराते हुए पशुपालन की गतिविधि से जोडऩा है तथा वह कृषक जो कि पूर्व से केसीसी धारक है उनके केसीसी को भी इस अभियान अंतर्गत पशुपालन गतिविधि से जोडऩे की कार्यवाही की जाएगी। पशुपालन की गतिविधियों में पशुपालक के केसीसी लिंकेज होने पर पशुचारा, दानाए, बाटा क्रय करने के लिए बैंक शाखा के द्वारा प्रति गाय 15 हजार रूपए एवं प्रति भैंस 18 हजार रूपए की राशि 3 माह के लिए प्रदाय की जाएगी।

Portal of guest teachers closed for two years degree not getting registered
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
