इसके साथ ही कृषि, गृह विज्ञान आदि विषयों की किताबें छात्र-छात्राओं की संख्या के आधार पर क्रय की जा सकेगी। जिला शिक्षा अधिकारी उक्त संदर्भ में प्राचार्यों की बैठक लेकर खर्च होने वाली राशि की मांग प्राप्त कर शासन को सूचित करेंगे। उल्लेखनीय है कि शिक्षा सत्र 2019-20 में कक्षा ग्यारहवीं के लिए कला संकाय में एनसीइआरटी की पुस्तकें लागू की गई है, जिसके लिए निगम से इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र की पुस्तकें उपलब्ध कराई गई है। इसके अतिरिक्त गणित, विज्ञान, वाणिज्य संकाय में पूर्व से ही एनसीइआरटी की पुस्तकें लागू है।
राशि के दुरुपयोग पर होगी कार्रवाई – निशुल्क किताबों के लिए उपलब्ध कराई गई राशि से किसी भी स्थिति में पुस्तक के स्थान पर गाइड नहीं खरीदी जाएगी तथा शाला में पाठ्य पुस्तकों से ही पढ़ाया जाएगा। मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी आयुक्त जयश्री कियावत ने दी है। शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा 11वीं से 12वीं तक के समस्त वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए राज्य शासन की लोक कल्याणकारी निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना अंतर्गत शतप्रतिशत विद्यार्थियों को लाभ दिया जाना है।
राज्य शिक्षा केंद्र ने मांगा पुरानी पुस्तकों का हिसाब मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र अंतर्गत छिंदवाड़ा समेत प्रदेश के शासकीय प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को निशुल्क उपलब्ध कराई गई किताबों की उपयोगिता के संदर्भ में जानकारी मांगी गई है, जिसके लिए शासन द्वारा निर्धारित प्रारूप भी दिया गया है। इसके तहत पुरानी पाठ्य पुस्तकों के पुन: उपयोग में लाने के लिए किए गए संग्रहण एवं वितरण की वर्तमान स्थिति की जानकारी 27 अगस्त 2019 तक जिला परियोजना समन्वयक के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना है। अपर संचालक ओ.एम मंडलोई के निर्देशानुसार पुरानी किताबों को दोबारा उपयोग में लाए जाने के निर्देश पहले से दिए गए थे।