अप्रैल माह में कोरोना मृतकों की संख्या अधिक होने पर नगर निगम द्वारा इस मोक्षधाम में भी अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई थी। मई तक निगम कर्मचारियों ने इस मोक्षधाम में सैकड़ों की संख्या में मृतकों का दाह किया। इस दौरान उनके परिजन भी रोते-बिलखते पहुंचते थे और उन्हें पीपीइ किट पहनकर शामिल होने की अनुमति दी गई थी। इस दौरान कर्मचारियों और परिजनों ने उपयोग के बाद पीपीई किट को रोड किनारे फेंक दिया। जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन के मुताबिक इस कचरे का डिस्पोजल जिला अस्पताल की एजेंसी के माध्यम से होना था।
अब बारिश का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। तब क्षेत्रवासियों ने इस पर नगर निगम का ध्यान आकर्षित किया है। नगर निगम के सहायक आयुक्त एके धुर्वे का कहना है कि वे निगम की स्वास्थ्य टीम को पहुंचाकर इसकी जांच कराएंगे और पीपीई किट को उठवाकर उसका नियमानुसार डिस्पोजल कराएंगे।