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उपहार से भी नहीं संवर पाए शिक्षा के मंदिर

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 25, 2022 06:44:49 pm

Submitted by:

mantosh singh

प्रचार-प्रसार की राह देख रही प्रणाम पाठशाला विद्यालय उपहार योजना

उपहार से भी नहीं संवर पाए शिक्षा के मंदिर

उपहार से भी नहीं संवर पाए शिक्षा के मंदिर

मंतोष कुमार सिंह
छिंदवाड़ा. बालाघाट जिले के आदिवासी क्षेत्र बिरसा में स्थित शासकीय बालक प्राथमिक शाला में ताला लटका हुआ है। अंग्रेजों ने वर्ष 1909 में विद्यालय की स्थापना कराई थी। रखरखाव और मरम्मत के अभाव में विद्यालय जर्जर हो गया। ऐसे में कक्षाओं का संचालन संभव नहीं है, इसलिए 1 से 5वीं तक की कक्षाएं कन्या छात्रावास परिसर में संचालित हो रहीं हंै। 91 बच्चे और 3 शिक्षक विद्यालय के संवरने की राह देख रहे हैं। बिरसा ही नहीं प्रदेश के हजारों स्कूल जर्जर चुके हैं। स्कूलों और छात्रावासों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रणाम पाठशाला विद्यालय उपहार योजना लागू की गई है। योजना के तहत कोई भी व्यक्ति आवश्यकता के अनुसार स्कूलों को दान दे सकता है, लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में यह योजना अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाई है। अबतक मात्र 33,256 लोगों ने ही उपहार प्रदान किया है। योजना से 24,095 स्कूल और 200 छात्रावास ही लाभांवित हुए हंै। योजना के तहत स्कूलों को जमीन, धन राशि और सामग्री दी जा सकती है।

दान में दी जाने वाली सामग्री
स्कूल परिसर में कुंआ, ट्यूबवेल खनन, ट्यूबवेल में मोटर, पंखे, सीएफएल, एलईडी, सोलर लाइट, पानी के लिए फिल्टर, नल कनेक्शन, वाटर कूलर, भवन का निर्माण, छात्रावास के किचन हेतु सामग्री, शौचालय के ऊपर ओवरहेड टैंक लगवाना, फर्नीचर, ग्रीन बोर्ड, कम्प्यूटर, टीवी, बैटरी, पुस्तकालय हेतु अलमारी, पेड़-पौधों की फेंसिंग, बाउंड्रीवॉल का निर्माण, स्कूल के लिए जमीन, खेल मैदान का समतलीकरण, कक्षा का निर्माण, भवन की मरम्मत, पुताई करवाना आदि।

आप भी दे सकते हैं उपहार
आवश्यकता के अनुसार स्कूलों को कोई भी व्यक्ति उपहार दे सकता है। उपहार देने के लिए प्रणाम पाठशाला पोर्टल पर पंजीयन करना होगा। पंजीयन के बाद फॉर्म भरना होगा। उपहार हेतु तीन विकल्प राशि, सामग्री, भूमि एवं अधोसंरचना उपलब्ध होंगे। उपहार के लिए विकल्प का चयन करना होगा। विकल्प का चयन कर उपहार दे सकते हैं। प्रणाम पाठशाला पोर्टल पर उपहारदाता की सूची में आपका भी नाम दर्ज हो जाएगा।

स्कूलों की आवश्यकताएं
भवन के लिए भूमि- 500
कक्ष के लिए भूमि- 227
अतिरिक्त कक्ष का निर्माण- 2334
भवन की मरम्मत- 5985
छात्रावास के किचन हेतु- 8273
प्रयोगशालाओं के लिए उपकरण- 713
इलेक्ट्रिक सामग्री- 36510
खेल मैदान के लिए भूमि- 7276
विद्यालय के लिए बाउंड्रीवॉल- 8736
फर्नीचर की जरूरत – 17119

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