scriptनिजी ने किया इनकार तो सरकारी में कराया इंतजार, जानें पूरा मामला | Private refuses to wait in government, know the whole matter | Patrika News

निजी ने किया इनकार तो सरकारी में कराया इंतजार, जानें पूरा मामला

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 25, 2020 11:36:29 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

तीन दिन से भर्ती किडनी रोगी को नहीं मिला डायलिसिस, जांच और ब्लड के नाम पर डॉक्टर करते रहे गुमराह

dialysis machine

dialysis machine

छिंदवाड़ा/ कोरोना काल में किडनी रोगियों का जीवन किसी चुनौति से कम नहीं है। स्थिति यह है कि सात से आठ दिन तक मरीजों को डायलिसिस भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस से सम्बद्ध जिला अस्पताल में देखने को मिला है, जिसमें जुन्नारदेव निवासी एक मरीज पिछले एक सप्ताह से डायलिसिस के लिए निजी तथा सरकारी अस्पताल के चक्कर काट रहा है।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि निजी हॉस्पिटल के इनकार करने के बाद 21 सितम्बर 2020 को जिला अस्पताल में मरीज को भर्ती किया गया तथा रेपिड एंटीजन किट से जांच में कोरोना होने की आशंका पर कोविड-19 संदिग्ध वार्ड में भर्ती कर दिया गया। पीडि़तों ने बताया कि वे मरीज के डायलिसिस के लिए एक सप्ताह से परेशान हो रहे है तथा जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद पिछले दो दिन से सिविल सर्जन और डॉक्टर से मिन्नतें कर है, जिसके बावजूद राहत नहीं मिल रही है।

ब्लड और जांच के लिए भी करते रहे गुमराह –


पीडि़तों ने बताया कि वे वर्तमान में होम क्वॉरंटीन में है तथा मरीज डायलिसिस के लिए भर्ती है। डॉक्टरों ने पहले तो कहा कि मरीज को एबी-पॉजिटिव ब्लड लगेगा इंतजाम करों और कहा कि कुछ जांच भी करनी होगी, जिसके बाद ही उपचार शुरू होगा। किसी तरह ब्लड का इंतजाम किया तो कहा गया कि ब्लड नहीं लगेगा। इस बात से काफी हैरानी और आक्रोश भी उपजा था।

आठ लाख की लागत से स्थापित हुई है मशीन –


कोरोना संक्रमित या संदिग्ध मरीजों के डायलिसिस के लिए जिला प्रशासन के प्रयास से करीब आठ लाख रुपए की लागत से कोरोना वार्ड में नई मशीन स्थापित की गई है। साथ ही सामान्य मरीजों के लिए हिमोडायालिसिस यूनिट में दो मशीन संचालित है।

मशीन में कुछ तकनीकी खराबी आ गई है –


कोरोना वार्ड में लगी डायलिसिस मशीन में कुछ तकनीकी खराबी आने से वह बंद हो गई, इंजीनियर द्वारा सुधारने के बाद सेवा बहाल हो जाएगी। वर्तमान में मरीजों की संख्या बहुत अधिक है, जिससे भी दिक्कतें आ रही है।

डॉ. एमपी यादव, प्रभारी डायलिसिस यूनिट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो