जिले में 30 गोशालाओं के निर्माण का प्रस्ताव है। इसका संचालन करने के लिए अभी तक कोई बजट विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
-डॉ.केके शर्मा, उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग
शहरी और ग्रामीण इलाकों में आवारा मवेशियों की समस्या का समाधान होता नजर नहीं आ रहा है
छिंदवाड़ा•Jun 11, 2019 / 11:00 am•
prabha shankar
cm kamalnath
छिंदवाड़ा. कांग्रेस सरकार के वचन पत्र में शामिल गोशाला का प्रोजेक्ट छह माह बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री के क्षेत्र में ही आगे नहीं बढ़ सका है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा जिले में 30 गोशालाओं का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इनमें से किसी को भी अभी तक बजट नहीं मिला है। इससे शहरी और ग्रामीण इलाकों में आवारा मवेशियों की समस्या का समाधान होता नजर नहीं आ रहा है।
पिछले साल 2018 के नवम्बर से पहले कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में हर शहर और ग्राम में गोशालाएं खोलने का वादा किया था। विधानसभा चुनाव में सरकार के अस्तित्व में आने के शुरुआती तीन माह में केवल गोशालाओं की जगह के चिह्नांकन और प्रोजेक्ट बनवाए गए। इस दौरान पशु चिकित्सा विभाग द्वारा जिले से 33 गोशालाओं के प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेजे गए। राज्य के अधिकारियों ने 30 प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से मामला फाइलों में दब गया।
अब आचार संहिता समाप्त हुए 15 दिन से अधिक बीत गए, लेकिन गोशाला के प्रोजेक्ट पर कोई हलचल शुरू नहीं हो पाई है। अधिकारियों के बीच ही इस योजना को लेकर संशय है कि इसे पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से मनरेगा से संचालित किया जाएगा या फिर पशु चिकित्सा विभाग को अलग से बजट उपलब्ध कराया जाएगा। अधिकारी कह रहे हैं कि भोपाल के अधिकारी भी इस पर स्पष्ट राय नहीं रख रहे हैं। इससे संदेह की स्थिति बन रही है। मंत्री स्तर से भी कोई राय सामने नहीं आने से इस प्रोजेक्ट का भविष्य अंधकारमय लग रहा है।
जिले में 30 गोशालाओं के निर्माण का प्रस्ताव है। इसका संचालन करने के लिए अभी तक कोई बजट विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
-डॉ.केके शर्मा, उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग
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