इनका कहना है
बीस वर्ष पहले ग्राम पंचायत के समय प्लॉट काटकर बेचे गए। तब के हिसाब से सडक़ -नाली बनाकर दे दी गई, लेकिन प्रमुख मार्ग में सडक़ नाली का निर्माण आज भी शेष है। बिजली का कनेक्शन भी जनभागीदारी के सहारे मिला। यदि विकास नहीं हुआ तो आगामी चुनावों में करीब 300 मतदाता वोट का बहिष्कार करेंगे।
बसंत कुमार राय, रहवासी
भरतनगर कॉलोनी अवैध कालोनी है। पहले एसडीएम अनुमति देते हैं, उस समय भी पंचायत को अधिकार नहीं था। यदि अनुमति मिली है तो कॉलोनाइजर कागज दिखा सकते हैं। इसलिए काम नहीं हो रहे हैं। जनभागीदारी से ही काम सम्भव है।
मोहन नागदेव, कार्यालय अधीक्षक
भरतनगर में काम चालू हो चुका है। कुछ जगह रोड और नाली बनवा दी गई है। बिजली पोल जनभागीदारी से लगे थे, लेकिन रहवासियों के पैसे लौटा दिए गए थे। सभी खुश हैं। उक्त बोर्ड हटवा दिए जाएंगे।
– जगेन्द्र अल्डक, पूर्व पार्षद वार्ड 38
हमने दो मेन रोड छोडकऱ शेष पूरी कॉलोनी में सडक़ नाली बनाकर दी थी। इसे सीवरेज कम्पनी ने पाइप लाइन डालकर उखाड़ दिया, लेकिन वापस उसे वैसा नहीं बनाया। इससे स्थिति कुछ और बिगड़ गई। रही बात अवैध की तो, पंचायत के समय प्लॉट काटने के लिए सभी प्रकार की एनओसी उन्होंने ले ली थी। पानी की लाइन उन्होंने ही डाली है, जिससे पानी सप्लाई हो रही है।
महेंद्र पाटनी, कालोनाइजर
भरतनगर में सीवरेज कम्पनी द्वारा रेस्टोरेशन नहीं किया गया तो इसकी जांच करवाई जाएगी। जो भी उचित कार्रवाई होगी वह की जाएगी।
हिमांशु सिंह, आयुक्त नगर निगम