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सरकार समर्थन मूल्य बढ़ाकर अपने केंद्रों में खरीदे लघु वनोपज

locationछिंदवाड़ाPublished: Apr 19, 2020 05:13:40 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

सहकारिता प्रकोष्ठ ने सीएम को भेजा इ-मेल

Forest dwellers of Mahua, forest dwellers reach Alsubah

Forest dwellers of Mahua, forest dwellers reach Alsubah

छिंदवाड़ा/ देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित असंगठित क्षेत्र का मजदूर हो रहा है। गर्मी के इन दिनों में ग्रामीण और वनांचल में लघु वनोपज का संग्रहण किया जा रहा है। इन संग्राहकों को फायदा पहुंचाने के लिए लघु वनोपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और इनकी खरीदी सरकारी केंद्रों के माध्यम से करने के संबंध में कांग्रेस के सहकारी प्रकोष्ठ ने एक ज्ञापन इ-मेल के जरिए मुख्यमंत्री को भेजा है।
प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष गुंजन शुक्ला ने कहा है कि लॉकडाउन अवधि में सभी कामकाज ठप हैं। सबसे ज्यादा असंगठित क्षेत्र का मजदूर प्रभावित हो रहा है। वनांचल में रहने वाले यह लोग इस समय वनोपज का संग्रहण करते हैं, लेकिन लॉकडाउन की स्थिति में ये बिचौलियों के हाथों शोषण का शिकार हो रहे हैं। उन्हें संग्रहित उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में इस वर्ग की तरफ गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। शुक्ला ने कहा कि मौजदा संकटकाल को देखते हुए इनका समर्थन मूल्य बढ़ाना बेहद जरूरी है। यदि सरकार अपने केंद्रों पर इसकी खरीदी करती है तो उपज का सही मूल्य संग्राहकों को मिल सकता है।
कांग्रेस के युवा नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2019 में 2500 रुपए प्रति मानक बोरा तेंदुपत्ता संग्रहण की दर तय की थी, जिसे 25 प्रतिशत और बढ़ाया जाना चाहिए। इसी तरह महुआ के फूल की दर 35 रुपए किलो और गुल्ली 30 रुपए प्रति किलो सरकारी दर है, इसे भी 40 रुपए किलो किया जाना चाहिए। ज्ञापन में रविंद्र सिंह कुशवाह, चंद्रशेखर अल्डक, चौधरी विक्रमसिंह, शैलेष पाटनकर, सचिन घई, साकेत नेमा, मोहित संचेती, देशराज बारस्कर, मयूर मालवीय,अंकित लांबा,मयंक तिवारी आदि ने भी हस्ताक्षर किए हैं।
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