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Railway: 15 अगस्त से पहले इस रेलमार्ग का निरीक्षण करने आ रहे सीआरएस, चलेगी ट्रेन

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 25, 2020 12:57:50 pm

Submitted by:

ashish mishra

निरीक्षण को लेकर मिनट टू मिनट कार्यक्रम जारी किया गया है।

Railway: 15 अगस्त से पहले इस रेलमार्ग का निरीक्षण करने आ रहे सीआरएस, चलेगी ट्रेन

Railway: 15 अगस्त से पहले इस रेलमार्ग का निरीक्षण करने आ रहे सीआरएस, चलेगी ट्रेन


छिंदवाड़ा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना में अंतिम खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग का निरीक्षण करने 12 अगस्त को कलकत्ता से कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी(सीआरएस) आएंगे। सीआरएस के निरीक्षण को लेकर मिनट टू मिनट कार्यक्रम जारी किया गया है। जिसके अनुसार 12 अगस्त को सुबह सीआरएस इतवारी से भंडारकुंड पहुंचेंगे। इस दिन सुबह 9 से दोपहर 1.30 बजे तक वह मोटर ट्राली से भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच किए गए गेज कन्वर्जन के कार्यों की सघनता से जांच करेंगे। इसके बाद दोपहर 1.30 बजे वह अधिकारियों से चर्चा करेंगे। इसी दिन दोपहर तीन बजे वह भिमालगोंदी से भंडारकुंड तक स्पीड ट्रायल करेंगे। स्पीड ट्रायल करने के बाद सीआरएस शाम 3.45 बजे भंडारकुंड से इतवारी के लिए रवाना हो जाएंगे। सुरक्षा के लिहाज से सभीा बिन्दु पर संतुष्ट होने के बाद सीआरएस भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग को अप्रूव करेंगे। जिसके बाद छिंदवाड़ा से इतवारी तक सीधे ट्रेन की सुविधा यात्रियों को मिल सकेगी। गौरतलब है कि छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना में रेलमार्ग और विद्युत कार्य चार खंडों में किया गया है। इसमें पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड, दूसरा खंड इतवारी से केलोद, तीसरा खंड केलोद से भिमालगोंदी और चौथा खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी का है। तीन खंड में विद्युतिकरण एवं रेलमार्ग का कार्य पूरा हो चुका है और सीआरएस के अप्रूवल के बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन भी किया जा रहा है। वहीं अंतिम खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी कुल 20 किमी रेलमार्ग घाट सेक्शन में है। इस सेक्शन में रेलमार्ग का कार्य भी पूरा हो चुका है। सीआरएस के निरीक्षण न होने से इस रेलमार्ग पर ट्रेनों का परिचालन नहीं किया जा रहा है।

इलेक्ट्रिक कार्यों के निरीक्षण का नहीं है जिक्र
भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच रेलमार्ग के निरीक्षण के लिए सीआरएस के जारी कार्यक्रम में इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्यों का जिक्र नहीं है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि संभवत: सीआरएस दोनों कार्यों की जांच करेंगे। बता दें कि रेल विकास निगम लि. ने बीते दिनों भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच इलेक्ट्रिक कार्यों को पूरा करने के बाद अधिकतम 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रायल किया था। ट्रायल के दौरान इलेक्ट्रिक कार्यों में कोई भी खामी नहीं मिली थी। इसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय को भेजी गई थी। अंदेशा था कि सीआरएस इलेक्ट्रिक एवं रेलमार्ग दोनों कार्यों का एक साथ निरीक्षण करेंगे। हालांकि अभी इस संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
नवंबर में रेलमार्ग का हुआ था ट्रायल
भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच बनाए गए नए रेलमार्ग का भी गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा डीजल इंजन के साथ लगी ओएमएस वैगन से २१ नवंबर २०१९ को 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल किया गया था। ओएमएस वैगन एक ऐसी आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है जो रेलगार्म पर किसी भी खामी को पहचान लेती है। निरीक्षण में ओएमएस ने शुन्य खामी(जर्क) बताई थी। हालांकि रेलमार्ग के स्पीड ट्रायल होने के बाद कोई खामी न रहने के बावजूद भी सीआरएस ने गेज कन्वर्जन विभाग के कुछ कार्यों पर सवाल उठा दिए थे। जिसके बाद सीआरएस का निरीक्षण भी टल गया था। मई माह में गेज कन्वर्जन विभाग ने शेष कार्य भी पूर्ण कर लिए हैं।
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