इलेक्ट्रिक कार्यों के निरीक्षण का नहीं है जिक्र
भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच रेलमार्ग के निरीक्षण के लिए सीआरएस के जारी कार्यक्रम में इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्यों का जिक्र नहीं है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि संभवत: सीआरएस दोनों कार्यों की जांच करेंगे। बता दें कि रेल विकास निगम लि. ने बीते दिनों भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच इलेक्ट्रिक कार्यों को पूरा करने के बाद अधिकतम 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रायल किया था। ट्रायल के दौरान इलेक्ट्रिक कार्यों में कोई भी खामी नहीं मिली थी। इसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय को भेजी गई थी। अंदेशा था कि सीआरएस इलेक्ट्रिक एवं रेलमार्ग दोनों कार्यों का एक साथ निरीक्षण करेंगे। हालांकि अभी इस संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच बनाए गए नए रेलमार्ग का भी गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा डीजल इंजन के साथ लगी ओएमएस वैगन से २१ नवंबर २०१९ को 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल किया गया था। ओएमएस वैगन एक ऐसी आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है जो रेलगार्म पर किसी भी खामी को पहचान लेती है। निरीक्षण में ओएमएस ने शुन्य खामी(जर्क) बताई थी। हालांकि रेलमार्ग के स्पीड ट्रायल होने के बाद कोई खामी न रहने के बावजूद भी सीआरएस ने गेज कन्वर्जन विभाग के कुछ कार्यों पर सवाल उठा दिए थे। जिसके बाद सीआरएस का निरीक्षण भी टल गया था। मई माह में गेज कन्वर्जन विभाग ने शेष कार्य भी पूर्ण कर लिए हैं।