scriptरैली निकालकर मजदूरों के हक में उठाई आवाज | Rally on Labor Day | Patrika News

रैली निकालकर मजदूरों के हक में उठाई आवाज

locationछिंदवाड़ाPublished: May 02, 2019 12:51:44 am

Submitted by:

Rajendra Sharma

मई दिवस पर कार्यक्रम

Rally on Labor Day

Rally on Labor Day

छिंदवाड़ा. हिंद मजदूर किसान पंचायत, आजादी बचाओ आंदोलन एवं जनसंघर्ष मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में 1 मई बुधवार को मजदूर दिवस पर शहर में रैली निकालकर मजदूरों के हक की आवाज उठाई गई।
पुलिस कंट्रोल रूम के पास से रैली का शुभारम्भ किया गया। यह रैली जेल तिराहा होते हुए गांधी प्रतिमा, फव्वारा चौक होकर गल्र्स कॉलेज के सामने से होते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्थल पर पहुंची, जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर मई दिवस के संदर्भ में हिंद मजदूर किसान पंचायत मध्य प्रदेश के महासचिव डीके प्रजापति ने कहा कि मौजूदा दौर में मजदूर आंदोलनों को कुचलने का प्रयास जारी है और सरकार पब्लिक सेक्टर को तबाह करने पर तुली हुई है। केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों में संशोधनों के नाम पर उन्हें मात्र 4 कोड में परिवर्तित कर दिया है। यह मजदूरों के साथ अन्याय है। हमें मई दिवस के 133 वर्ष के इतिहास की अनेक संघर्ष गाथाओं व उपलब्धियों पर गर्व करते हुए ध्यान रखना चाहिए कि 2019 के मई दिवस की चुनौतियां मजदूरों के लिए कमतर नहीं हैं। देश में सिर्फ तीन प्रतिशत श्रमिक/कर्मचारी ही संगठित क्षेत्र में हंै जिन्होंने वेतनमान, अवकाश, सुविधायुक्त सेवा शर्तों की उपलब्धियां हासिल की हैं, सुनिश्चित पेंशन के बदले अंशदान से प्राप्त आय से अनिश्चित पेंशन की योजना उसमें से एक है। असंगठित क्षेत्र के 97 प्रतिशत कामगारों के लिए रोजगार की सुनिश्चितता, न्यूनतम वेतन भुगतान की गारंटी आज भी सपना है। कहा गया कि रोजगार की सुरक्षा के भय से इनके शोषण की सीमा अपार है, पेंशन के अभाव में भविष्य की सुरक्षा की कोई ग्यारंटी नहीं है, कार्यबोझ, अवकाश के अभाव में इनका पारिवारिक जीवन भी कष्टदायक है।
हमारे देश में श्रमिकों व कर्मचारियों के संगठन ही नहीं हैं, जो संगठन हैं वे विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े हैं और उनकी अपनी ढपली अपना राग सी स्थिति के चलते मजदूरों की कोई सशक्त आवाज नहीं बन पाई है। वर्तमान निजीकरण के दौर में सभी जगह ठेकेदारी का बोलबाला है, आठ घंटे से अधिक कार्य की प्रथा चल पड़ी है, कामगारों की नौकरियां व भविष्य सुरक्षित नहीं है। महिला कामगारों से भेदभाव, छेड़छाड़, यौन हमले/उत्पीडऩ की वारदातें लगातार बढ़ रहीं हैं।
कहा गया कि मई दिवस की सार्थकता ट्रेड यूनियन चेतना, समता, न्याय, शांति के आंदोलन को प्रतिबद्धता से आगे बढ़ाने के संकल्प को दोहराने और इस दिशा में सार्थक कार्य करने से है। कार्यक्रम में सुषमा प्रजापति, राजेश तांत्रिक, शोभा शर्मा, कामरेड धन्नालाल यादव, संतोष विश्वकर्मा, विजय सिंह कोलारे, रवि भाऊ, भरत सिंह बेचैन, मोहन शर्मा, कृष्णम तोसीफ सब्ज्वारी, अनीस खान सहित अन्य साथी उपस्थित थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो