आयोजित नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना के 43 प्रकरणों में 10,68,5000 रुपए एवं चेक बाउंस के 101 प्रकरणों में 1,57,28,95 रुपए के अवार्ड पारित किए गए। राजीनामा योग्य दांडिक 58 प्रकरणों में सहित न्यायालयों में लंबित कुल 417 प्रकरणों में दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर राजीनामा किया जाकर अंतिम निराकरण किया गया। इसी प्रकार बैंकों, नगरपालिका, विद्युत विभाग के प्रिलिटिगेशन के 277 प्रकरणों में 57,73,468 रुपए की राशि वसूल की गई। विभागों की ओर से पक्षकारों को आकर्षक छूट प्रदान की गर्ई। कुटुम्ब न्यायालय में लंबित 55 प्रकरणों में निराकरण किया गया। कुटुम्ब न्यायालय के समक्ष लंबित 18 प्रकरण में विवाह विच्छेद के लिए आवेदन प्रस्तुत किए गए थे। 24 प्रकरणों में पति-पत्नी लम्बे समय से अलग रह रहे थे। समझाइश के बाद दोनों पक्ष में राजीनामा हुआ और पति-पत्नी ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। जिन्होंने प्रण लिया था कि वे अब कभी साथ नहीं रहेंगे उनके बीच भी नेशनल लोक अदालत में समझौता हुआ और वे हंसी खुशी अपने घर से लिए रवाना हुए। भरण पोषण के 8 प्रकरणों में भी खंडपीठ व सुलाहकर्ता के माध्यम से समझौता कराया गया।
शुभारंभ अवसर पर यह रहे उपस्थित
लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर मुख्य रूप से प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय चंद्रदेव शर्मा, विशेष न्यायाधीश राजीव अचायी, जिला न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल, वरुण पुनासे, पवन कुमार पटेल, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी शिवमोहर सिंह सहित जिला न्यायालय का समस्त स्टॉफ, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सत्येन्द्र वर्मा सहित अन्य अधिवक्ता, अभियोजन अधिकारी सहित अन्य उपस्थित रहे।