बताया जाता है कि उक्त संयंत्र को स्थापित करने का उद्देश्य बिना पूंजीगत निवेश पर सस्ती बिजली उपलब्ध कराना है। साथ ही नदियों के जलस्तर में कमी और थर्मल पॉवर की महंगी दरों को ध्यान में रखते हुए सौर ऊर्जा की उपयोगिता बढ़ाया जाना है। दो चरणों में स्थापित होने वाली परियोजना से मेडिकल कॉलेजों की बिजली में करीब चौथाई दर कम होने का अनुमान है। बताया जाता है कि पहले चरण में सागर, ग्वालियर, रीवा और दूसरे चरण में छिंदवाड़ा समेत 11 मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
मेडिकल कॉलेज की भर्ती प्रक्रिया शुरू
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय छिंदवाड़ा में रिक्त पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए प्रबंधन ने छह और सात मार्च को उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया है। मिली जानकारी के अनुसार लैब अटेंडेंट, स्टेनोग्राफर, स्टेनोटाइपिस्ट, स्पीच थैरेपिस्ट, रेडियोग्राफर टेक्निशियन, टीबी एंड चेस्ट हेल्थ विजिटर, फार्मासिस्ट ग्रेड-1, फार्मासिस्ट ग्रेड-२, इसीजी टेक्नीशियन, डायसेकसन हॉल अटेंडेट आदि पोस्ट शामिल हैं।