बताया जाता है कि उक्त इंजेक्शन को खरीदने एवं बेचने वाले होलसेलर या डिस्ट्रीब्यूटर नियमानुसार हॉस्पिटल से लिखित आर्डर लेकर ही विक्रय करेंगे अथवा अधिकृत मेडिकल स्टोर को बेच सकेंगे। औषधि की उपलब्धता और मरीजों की मांग पर विशेष ध्यान दिया जाना अनिवार्य रहेगा तथा प्रत्येक सोमवार को क्रय-विक्रय का रिकार्ड आवश्यक दस्तावेजों के साथ विभागीय कार्यालय में प्रस्तुत करना भी अनिवार्य रहेगा।
औषधि निरीक्षक विवेकानंद यादव ने बताया कि उक्त निर्देशों का पालन नहीं करने और मय दस्तावेजों के क्रय-विक्रय का रिकार्ड प्रस्तुत नहीं करने पर होलसेलर, डिट्रीब्यूटर समेत अन्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली, मुंबई, नागपुर और भोपाल के माड्यूल का प्रोटोकाल छिंदवाड़ा में लागू
छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस से सम्बद्ध जिला अस्पताल में कोरोना उपचार प्रबंधन और व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों से दिल्ली, मुम्बई, नागपुर और भोपाल की तर्ज पर पांच पन्नों का माड्यूल प्रोटोकाल तैयार किया गया है। इसमें मरीजों के लक्षण और बीमारी के स्तर पर क्या दवाई दी जा सकती है, क्या-क्या दवाएं स्टोर में उपलब्ध होनी चाहिए तथा ऐसी दवा या इंजेक्शन जो शासन की लिस्ट में नहीं है, लेकिन मरीज के स्वास्थ्य पर बेहतर प्रभाव कर सकती है उनकी उपलब्धता रखी गई है।
मामले में कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि छिंदवाड़ा में कोरोना मरीजों को अन्य जिलों की अपेक्षा बेहतर इलाज दिया जा रहा है, जिसकी प्रशंसा पिछले दिनों निरीक्षण पर आए संभागीय आयुक्त और आइजी ने भी की थी।