योजना के लिए आवेदन करने वाले निवासियों को महाप्रबंधक/वृत्त कार्यालय में आवेदन देना होगा और स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र देना होगा। छिंदवाड़ा में पिछले दो दशक से अवैध कॉलोनियों का जाल फैला है। अभी भी हर दिन नई अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही है। इन कॉलोनियों में कम से कम 5 हजार से ज्यादा अस्थायी बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। इससे हर मकान में कम से कम 1500 रुपए मासिक बिजली बिल आ रहा है।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने इन उपभोक्ताओं को अधोसंरचना शुल्क का बोझ डाल दिया है। पिछले कई साल से लोग बिजली दफ्तरों में पहुंचकर स्थायी कनेक्शन के आवेदन कर रहे हैं। अभी तक उन्हें स्थायी बिजली कनेक्शन नहीं मिला है। इस सुगम बिजली योजना से इस समस्या का समाधान होने की उम्मीद की जा रही है।
उपभोक्ताओं को 25 प्रतिशत राशि एकमुश्त देनी होगी। शेष राशि मासिक बिल के साथ ब्याज सहित दो वर्ष में देनी होगी। योजना व्यक्तिगत आवेदकों और आवेदकों के समूह के लिए लागू होगी। हाउसिंग सोसायटी, बिल्डर, कॉलोनाइजर इस योजना में पात्र नहीं होंगे।
नगर निगम के वर्तमान रिकॉर्ड में 26 नई अवैध कॉलोनी दर्ज है, जिनके कॉलोनाइजर्स ने बिना निगम के ध्यान में लाए प्लॉट बेच दिए हैं, जिन पर मकान भी बन चुके हैं। इसका लाइसेंस भी निगम से नहीं मिला है। अब तक 17 कॉलोनाइजर्स पर एफआइआर हो चुकी है। शेष कॉलोनाइजर्स पर एफआइआर करने निगम आयुक्त पर दबाव है। देखा जाए तो निगम क्षेत्र में 500 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां है, जिनमें से 172 कॉलोनियों को शिवराज सरकार के समय वैद्य घोषित किया गया है।