शहरी और ग्रामीण इलाकों में तेजी से मरीज दर्ज, महिलाओं की संख्या में वृद्धि बनी चिंता
छिंदवाड़ा
Updated: May 05, 2022 09:20:35 pm
छिंदवाड़ा.अनियमित जीवनशैली, पैक्ड फास्ट फूड का उपयोग और तम्बाकू के अत्यधिक सेवन से कैंसर का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा हैं। छिंदवाड़ा में सर्वाइकल, बेस्ट और मुंह के कैंसर के रोगी दर्ज हुए हैं। इनमें महिलाओं की बड़ी संख्या सामने आई हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि दिनचर्या और खानपान में बदलाव नहीं किया गया तो यह जानलेवा बीमारी बड़ी आबादी को चपेट में ले लेगी।
जिले की 22 लाख पार कर रही आबादी में कैंसर के रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या 5 हजार से ज्यादा हैं। पीडि़तों में शहरी के साथ ग्रामीण इलाकों के भी लोग शामिल हैं। कुछ सरकारी इलाज पर निर्भर है तो शेष नागपुर, भोपाल समेत महानगरों की दौड़ लगा रहे हैं। अस्पताल के डॉक्टरों की मानें तो इस समय महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर तेजी से पनप रहा हैं तो दूसरे स्थान पर बे्रस्ट कैंसर हैं। महिलाएं जागरुकता के अभाव में लक्षणों को साधारण मान रही हैं। इससे प्रारंभिक स्टेज में इस रोग की पहचान नहीं हो पा रही है। पुरुषों में तम्बाकू युक्त गुटका खाने से ओरल कैंसर की समस्या आम हैं। इसके अलावा ब्रेन, फेफड़े, किडनी, पेट, अंतड़ी के साथ प्रोटेस्टेट कैंसर भी देखे गए हैं।
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सर्वाधिक ओरल कैंसर पीडि़त,दूसरे नंबर पर ब्रेस्ट
जिले में अब तक कुल 5043 कैंसर केस में सर्वाधिक 1252 ओरल कैंसर पीडि़त हैं। दूसरे स्थान पर बे्रस्ट कैंसर के 1233 पीडि़त बताए गए हैं। इसके बाद सर्वाइकल कैंसर के भी 104 मरीज बताए गए हैं। अन्य प्रकार के कैंसर पीडि़तों की संख्या 2454 बताई गई है।
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19 प्रकार की दवाएं, फिर भी शिकायत
जिले में कैंसर के इलाज की 19 प्रकार की सरकारी दवाएं बालाघाट डिपो से आती है। कैंसर पीडि़तों के बीच अक्सर दवाइयां न मिलने की शिकायतें बनी रहती है। पीडि़त अस्पताल में दवा न मिलने पर प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपए की दवाएं बाजार से खरीद रहे हैं। कुछ मरीजों को अस्पताल में भटकते देखा जा सकता है।
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मेडिकल कॉलेज में रेडियो थेरेपी की जरूरत
कैंसर के इलाज के लिए मरीज स्थानीय स्तर पर केवल कीमोथेरेपी पर निर्भर है। छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज बना हैं तो अब रेडियो थेरेपी की मांग भी की जा रही है। इस तकनीक से बेहतर ढंग से कैंसर की पहचान हो सकेगी और उच्च स्तरीय सेंटर नहीं जाना पड़ेगा।
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महिलाएं ये लक्षण की न करें अनदेखी
महिलाओं में मिल रहे सर्वाइकल कैंसर के लक्षण में सफेद पानी, ब्लड आना, संसर्ग में दर्द हैं तो वहीं बे्रस्ट कैंसर में गठान जैसे कारण हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इनकी अनदेखी करना भारी पड़ सकता हैं।
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ये हैं बढ़ते कैंसर मरीजों की वजह
1. तम्बाकू, धूम्रपान एवं शराब का अधिक सेवन।
2.अनियमित दिनचर्या एवं खानपान का पालन।
3. पैक्ड फूड एवं फास्ड फूड का अत्याधिक सेवन।
4. भोजन की पैकिंग में प्लास्टिक का प्रयोग
5. कैंसर के प्रति जागरुकता और सफाई की कमी ।
6.फसलों मेें कीटनाशकों का अत्यधिक इस्तेमाल
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वर्षवार कैंसर का ग्राफ
वर्ष मरीज संख्या
2013-14 144
2014-15 275
2015-16 407
2016-17 598
2017-18 804
2018-19 615
2019-20 912
2020-21 1288
ेकुल 5043
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इनका कहना है...
आधुनिक जीवनशैली से महिलाओं में तेजी से सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर तथा पुरुषों में तम्बाकू से ओरल कैंसर पनप रहा हैं। पहली-दूसरी स्टेज पर दवाओं और कीमी थेरेपी से रोग नियंत्रण किया जा सकता हैं।
-डॉ.वेंकटेश यादव, नोडल अधिकारी, एनसीडी क्लीनिक जिला अस्पताल।
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कैंसर रोग के प्रति समाज में जागरुकता लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यह सहीं हैं कि पिछले एक दशक में कैंसर के मरीजों का ग्राफ बढ़ा हैं। सामाजिक भागीदारी से इसे रोका जा सकता है।
-डॉ.अनुपम जैन, कार्यक्रम प्रबंधक, एनसीडी, जिला अस्पताल।
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