जिला खनिज प्रतिष्ठान से सड़कें बनाई जाएंगी और जर्जर नल-जल पाइपलाइन को भी बदला जाएगा। प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में १० कर
छिन्दवाड़ा. जिला खनिज प्रतिष्ठान से सड़कें बनाई जाएंगी और जर्जर नल-जल पाइपलाइन को भी बदला जाएगा। प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में १० करोड़ ५८ लाख रुपए के प्रस्ताव मंजूर किए गए।
प्रभारी मंत्री ने विकास के विभिन्न प्रस्तावों पर गम्भीरता से चर्चा कर 160-160 लाख रुपए की लागत से राजोरा से राजोरामाल सड़क निर्माण और चिमनखापा से भैसाडोंगरी, 95 लाख रुपए लागत के विकासखंड सौंसर ग्राम टी. 08 से रामपेठ दवामी सड़क, 112 लाख रुपए की लागत से रामाकोना सवरनी से भुड़कुम मार्ग और 38.99 लाख रुपए की लागत के 1.55 किलोमीटर लंबे मोहखेड़ से फुटेरारैय्यत सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं उच्च प्राथमिकताओं में 161 उच्च माध्यमिक विद्यालय में 9 हजार 770 डेक्स के लिए 8.69 लाख तथा विकासखंड तामिया के अंतर्गत पेयजल व्यवस्था में लाख और ग्राम पंचायत रंगारी में 10 लाख रुपए की लागत से नल जल जर्जर पाइप लाइन को बदलने की स्वीकृति दी गई है । विधानसभा छिंदवाड़ा में 80 लाख रुपए के विभिन्न निर्माण कार्य और जनपद पंचायत जुन्नारदेव के ग्राम पंचायत मांडई से सेमरकुई तक सीसी रोड निर्माण मंजूर किए गए।
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रास्ते में
प्रसव , महिला गंभीर
परासिया ञ्च पत्रिका. पुलिस थाना के समीप सड़क किनारे प्रसव होने के बाद 30 वर्षीय महिला को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत गंभीर होने की खबर है। गुरुवार को सड़क पर प्रसव के दौरान मृत शिशु पैदा हुआ था।
दमुआ गांव की रहने वाली महिला गर्भवती होने पर परासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हुई थी। उसकी चौथी डिलीवरी थी। महिला के शरीर में मात्र छह ग्राम खून होने पर महिला चिकित्सक ने उसे खून की जांच कराकर छिंदवाड़ा अस्पताल में रक्त लगाने के लिए कहा था। प्रसव के बाद महिला के शरीर में और खून कम हो गया। उसे गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परासिया लाया गया। वहां से उसे जिला अस्पताल भेजा गया जहां हालत नाजुक बनी हुई है। इस बारे में खंड चिकित्साधिकारी डॉ. जानकी सिंह ने बताया कि गत गुरुवार की शाम को जिला अस्पताल में महिला को एक यूनिट ब्लड लगाया गया है। महिला के शरीर में खून कम होकर मात्र दो प्रतिशत हीमोग्लोबिन बचा हुआ है। गौरतलब है कि महिला ने बताया था कि वह जांच के लिए अस्पताल आती थी, लेकिन टालमटोल किया जाता था। उपस्थित स्टाफ द्वारा कोई जानकारी नहीं दी जाती थी।