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आरटीइ का लाभ इन नियमों का करना होगा पालन, पढे़ं पूरी खबर

locationछिंदवाड़ाPublished: Apr 13, 2019 12:29:42 pm

Submitted by:

Dinesh Sahu

– राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी की प्रक्रिया, आरटीइ : प्रवेश में आधार नहीं होगा अनिवार्य
 

RTE benefits will be followed by these rules, read the full news

आरटीइ का लाभ इन नियमों का करना होगा पालन, पढे़ं पूरी खबर

छिंदवाड़ा. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सत्र 2019-20 गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों में पिछली बार की तरह इस बार भी विद्यार्थियों के आवेदन ऑनलाइन स्वीकृत किए जाएंगे। राज्य शिक्षा केंद्र ने इस संदर्भ में प्रक्रिया जारी की है, जिसके तहत आवेदन में आधार की अनिवार्यता को खत्म किया है। लेकिन प्रवेश लेते समय आधार नंबर होना आवश्यक होगा। ऐसी स्थिति में जिनके पास आधार है, वह आवेदन के समय नंबर दर्ज कर सकेंगे तथा जिनके पास नहीं है, उन्हें बनवाना पडेग़ा।
उक्त योजना के तहत हितग्राही बच्चों की आयु गणना 16 जून 2019 के आधार पर की जाएगी, जिसके तहत नर्सरी, केजी-1, केजी-2 के लिए न्यूतनम आयु 3 से 5 तथा कक्षा एक में प्रवेश के लिए 5 से 7 वर्ष निर्धारित है। निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन, कमजोर वर्ग तथा वंचित समूह के बच्चों के निशुल्क प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाने के उद्देश्य से प्रवेश आवेदन ऑनलाइन तथा आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा।
आवेदकों को उनके ग्राम, वार्ड, पड़ोस तथा विस्तारित पड़ोस की सीमा में स्थित निजी स्कूलों की उपलब्धता के आधार पर विकल्प सिलेक्ट किया जाना है। आरटीइ के तहत आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों का आवंटन, पात्रता अनुसार आवेदक द्वारा प्रदत्त विकल्पों के आधार पर दी जाएगी।
पहले से अध्ययनरत को नहीं मिलेगा मौका –

आरटीइ के तहत कोई विद्यार्थी पूर्व से ही किसी निजी स्कूल में अध्ययनरत है तो उसके दोबारा आवेदन को मान्य नहीं किया जाएगा। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने विभाग को निर्देश दिए है कि आवेदकों का इस संदर्भ में जानकारी जुटा ली जाए।
यह बरती जाएगी सावधानियां –

1. समस्त गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों को ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए चयन किया जाए।

2. चयन प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई बच्चा छूटा न हो एवं कोई भी अपात्र स्कूल को लॉटरी प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया हो।
3. चयनित स्कूलों का ग्राम, वार्ड, पड़ोस एवं विस्तारित पड़ोस की सीमा के चिन्हाकन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा पूर्ण कर लिया जाएं तथा दावा-आपत्ति का निराकरण कर अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएं।
4. अल्पसंख्यक संस्था होने पर वैधानिक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा तथा स्कूलों की मान्यता के लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाना।

5. यदि कोई प्रायवेट स्कूल केवल बालक अथवा केवल बालिका है तो इसकी जानकारी तीन दिवस के भीतर राज्य शिक्षा केंद्र को उपलब्ध कराना आदि शामिल है।
प्रवेश के लिए पात्रता एवं दस्तावेज –

आरटीइ के तहत वंचित समूह, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वनभूमि के पट्टाधारी, विमुक्त जाति, निशक्त, एचआइवी ग्रसित, कमजोर वर्ग, जिसमें बीपीएल कार्ड धारक, अनाथ बच्चे आदि शामिल है। उक्त बिंदुओं से संबंधित समस्त वर्गों को शासन से जारी किया प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया निवास प्रमाण-पत्र देना होगा।
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