प्रथम अपील अधिकारी सीइओ विजयलक्ष्मी मरावी ने 3 मार्च को ग्राम पंचायत के निरीक्षण के लिए पेशी दी थी। तय तिथि में सचिव विश्वनाथ कुमरे बिना बताएं गायब हो गया और मोबाइल स्वीच ऑफ कर दिया।
छिंदवाड़ा/ पांढुर्ना . ग्राम पंचायत मांगुरली में स्टॉप डैम के लिए जारी हुई 6 लाख रुपए को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। आरटीआई कार्यकर्ता तेजस सुरजुसे ने सूचना के अधिकार के तहत् ग्राम पंचायत के निर्माण कार्यों की जानकारी चाही। प्रथम अपील अधिकारी सीइओ विजयलक्ष्मी मरावी ने 3 मार्च को ग्राम पंचायत के निरीक्षण के लिए पेशी दी थी। तय तिथि में सचिव विश्वनाथ कुमरे बिना बताएं गायब हो गया और मोबाइल स्वीच ऑफ कर दिया। प्रभारी सचिव ने 16 मार्च दुसरी पेशी के लिए तारीख दी थी। मंगलवार को ग्राम पंचायत पहुंचे तेजस सुरजुसे को फिर एक बार सचिव अनुपस्थित मिला जिससे जानकारी नहीं दी जा सकी। तेजस सुरजुसे का आरोप है कि 6 लाख रुपए का कोई स्टॉप डैम निर्माण नहीं किया गया है। वहीं पंचायत ने इस राशि का आहरण कर लिया है। इस मामले को लेकर जनपद पंचायत की ओर से जांच की जानी चाहिए। इधर सीइओ विजयलक्ष्मी मरावी का कहना है कि मैं अभी अवकाश पर हूं। कार्य पर लौटते ही सचिव को तलब किया जाएगा और मामले की जांच कराई जाएगी।
जूनेवानी पूर्व सचिव पर आज तक कार्रवाई नहीं: इधर ग्राम पंचायत जूनेवानी के पूर्व सचिव झनक कड़वे के विरूद्ध जिला पंचायत को कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजे जाने के बाद भी आज तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। उमरीखुर्द रोड पर पुलिया निर्माण की राशि का आहरण कर लिया था। इस तरह कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होने से पंचायतों में भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियों के हौसले बुलंद है।