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बिना कंडक्टर के चल रहे स्कूली वाहन, हादसे का डर

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 20, 2018 05:14:57 pm

Submitted by:

mantosh singh

स्कूली वाहनों में ज्यादा बच्चे बैठने से हादसे की आशंका बनी रहती है। वहीं इन वाहनों में ड्राइवर के अलावा कंडक्टर नहीं होता है।

school bus

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उमरानाला. प्राइवेट स्कूल के चलने वाले स्कूली वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे बैठाकर स्कूल और घर ले जाया जा रहा है।
इन स्कूली वाहनों में ज्यादा बच्चे बैठने से हादसे की आशंका बनी रहती है। वहीं इन वाहनों में ड्राइवर के अलावा कंडक्टर नहीं होता है। वाहनों पर बच्चे खुद चढ़ते और उतरते हैं। जबकि बच्चों को उतारने और चढ़ाने के लिए एक कंडक्टर वाहन में होना चाहिए, जो बच्चों को सुरक्षित बैठा सके और उतारकर घर तक पहुंचा सके, लेकिन अधिकांश स्कूली वाहनों में केवल ड्राइवर होता है, जो ड्राइवर की सीट पर बैठा रहता है। वाहन आने पर बच्चे खुद वाहन में बैठते और सड़क पर खुद उतरकर घर तक जाते हैं।
कंडक्टर के नहीं होने से ट्रॉफिक वाली सड़क पर हादसा होने की आशंका रहती है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते ये वाहन चालक मनमानी कर रहे हैं। जागरुक नागरिकों ने प्रशासनिक उच्च अधिकारियों एवं जिला कलेक्टर से वाहन मालिक व स्कूल संचालकों पर कार्रवाई करने की मांग की है। ताकि बच्चे सुरक्षित स्कूल आना-जाना कर सकें।
यात्री प्रतीक्षालय के पास खड़े हों यात्री वाहन
नगर में बस स्टैंड होने के बावजूद छिंदवाड़ा-नागपुर हाइवे पर वाहन खड़ा कर वाहन चालक सवारी भरते हैं। जबकि लाखों की लागत से यात्री प्रतीक्षालय बनाया गया है, लेकिन यहां पर यात्री वाहन खड़ा नहीं करने से यह बेकाम साबित हो रहा है। जब हाइवे पर बने अस्थायी बस स्टैण्ड पर सारे वाहन रुक रहे हैं। वहीं यात्री भी धूप, बारिश में खड़े होकर यहां वाहनों का इंतजार करते हैं।
यदि यात्री प्रतिक्षालय के पास सारे सवारी वाहन खड़े होते हैं तो यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। वहीं हाइवे पर लगने वाले जाम से भी निजात मिल सकेगी। प्रशासन की अनदेखी के चलते हाइवे पर ही अस्थायी बस स्टैण्ड से सवारी भरी जा रही है। क्षेत्र के लोगों ने प्रतिक्षालय के पास बस स्टैण्ड बनाने की मांग की है।

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