इस राशि से स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर जाकर अभियान की जानकारी तथा छह माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को होने वाली गंभीर बीमारियों के संदर्भ में जागरूक किया जाना है। इस राशि के उपयोग को लेकर मीडिया अधिकारी और जिला टीकाकरण अधिकारी आमने सामने हैं। मीडिया अधिकारी डॉ. प्रमोद वासनिक ने बताया कि प्रचार-प्रसार कराने की जिम्मेदारी उनकी है। इसके लिए शासकीय प्रिटिंग से करीब एक लाख 80 हजार पॉम्पलेट शासकीय दर के आधार पर प्रिंट कराए गए हैं। प्रिंटिंग शासकीय प्रेस से कराई गई, जिसके कारण निविदा नहीं बुलाई गई है।
वहीं जिला टीकाकरण अधिकारी पुष्पा रानी सिंह ने बताया कि यह अभियान उनके कार्यक्षेत्र से जुड़ा है। इसी वजह से राशि का उपयोगिता हमारे माध्यम से होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान वाहनों को किराए पर रखने के लिए विवाद हो चुका है। उस समय भी कई आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए थे।
कमीशन और घूसखोरी असल विवाद की जड़
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में बड़े पैमाने पर कमीशनबाजी और घूसखोरी विवाद की उपज बनती जा रही है। अभी डेढ़ करोड़ की लीपापोती मामले की कार्रवाई प्रक्रिया में है तथा सिविल सर्जन रहते डॉ. जेएस गोगिया द्वारा साफ-सफाई मद बदलकर 12 लाख के आेवरड्राफ्ट का प्रकरण खत्म हुआ नहीं और एक नया विवाद फिर सामने आ गया।
मुझे नहीं जानकारी
&दस्तक अभियान के बजट और प्रचार-प्रसार को लेकर मुझे कोई जानकारी नहीं है। इस संदर्भ में मीडिया अधिकारी या जिला टीकाकरण अधिकारी की कुछ बता सकते हैं।
डॉ. जेएस गोगिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी