छिंदवाड़ाPublished: Oct 16, 2022 07:19:39 pm
Sanjay Kumar Dandale
इन दिनों नदियों में रेत की मात्रा बहुतायत में है, यह रेत ही पानी की शुद्धता भी तय करती है। हालांकि अधिक रेत वाले स्थल को खनिज विभाग खदान के रूप में इस्तेमाल कर सकता है, फिर भी सभी नदी स्थानों से रेत नहीं निकाली जा सकती है।
छिंदवाड़ा. इन दिनों नदियों में रेत की मात्रा बहुतायत में है, यह रेत ही पानी की शुद्धता भी तय करती है। हालांकि अधिक रेत वाले स्थल को खनिज विभाग खदान के रूप में इस्तेमाल कर सकता है, फिर भी सभी नदी स्थानों से रेत नहीं निकाली जा सकती है। शहर में कुलबहरा नदी के कई तटों से रेत के निकाले जाने की जानकारी मिल रही है, जिसकी पड़ताल करने पत्रिका टीम अपने कैमरे के साथ पहुंच गई।
शनिवार की दोपहर एक लाल रंग का ट्रैक्टर पूर्व वन मंडल अंतर्गत ईको पर्यटन जैव विविधता उद्यान के गेट के अंदर प्रवेश करता है, ट्रैक्टर के गेट में प्रवेश करने पर कोई विरोध नहीं करता है। ट्रैक्टर नदी तट में पहुंचकर पानी के अंदर उतर जाता है, कुछ दूर अंदर पहुंचकर पेड़ों की ओट में पहुंच जाता है, जिसके बाद ट्रैक्टर में सवार करीब आधा दर्जन श्रमिक पहले से ही नदी के पास जमा किए गए रेत के टीले से रेत भरना शुरू कर देते हैं। इस संबंध में खनिज निरीक्षक महेश नगपुरे ने भी बताया कि उन्हें भरतादेव के उक्त स्थान से रेत निकालने की शिकायत मिली है, जिस पर आकस्मिक निरीक्षण कर वे कार्रवाई करेंगे।