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बारिश न होने से सूखी पड़ी नदियां, प्रतिबंध के बावजूद निकल रही रेत

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 14, 2019 12:40:10 am

Submitted by:

Rajendra Sharma

अलसुबह और रात के समय दौड़ रहे ट्रैक्टर और डम्पर

Department and administration gave donations to the sand mafia

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काली कमाई से बेखौफ हो गए कारोबारी

छिंदवाड़ा. बारिश नहीं होने से कुलबेहरा, पेंच और कन्हान नदी में पानी नहीं आया है। इनके तटों से मशीनरी के जरिए अवैध रूप से रेत निकल कर ट्रैक्टरों और डम्परों से परिवहन कर महंगे दामों में बाजार में पहुंचाई जा रही है। बेखौफ कारोबारियों को रेत के धंधे में काली कमाई से प्रशासन का जुर्माना छोटा लग रहा है।
जून के अंतिम सप्ताह में कलेक्टर ने मानसून अवधि में नदियों से रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। मैदानी स्तर पर इस आदेश की धज्जियां उड़ रही है। इसका असर यह भी हुआ है कि प्रतिबंध के नाम पर कारोबारियों ने रेत के दाम बढ़ा दिए हैं। मकान, भवन और सरकारी कामकाज में रेत कहीं तीन हजार रुपए ट्रॉली तो कहीं इससे ज्यादा बिक रही है। एक डम्पर रेत 22 हजार से 25 हजार रुपए तक बिक रही है।
खनिज विभाग के निरीक्षक जुलाई माह में कोई खास कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। रेत से भरे डम्पर और ट्रैक्टर-ट्रॉली अलसुबह से लेकर देर रात तक रेत छिंदवाड़ा, चौरई, सौंसर समेत नागपुर आदि स्थलों पर पहुंचा रहे हैं।
रेत उत्खनन प्रतिबंधित

मानसून अवधि में रेत के उत्खनन को प्रतिबंधित किया गया है। इसके बावजूद जहां से भी उत्खनन, परिवहन और भंडारण की सूचनाएं मिल रही है, तुरंत कार्रवाई की जा रही है।
-मनीष पालेवार, जिला खनिज अधिकारी, छिंदवाड़ा।
जिले के इन इलाकों से ज्यादा आ रहीं शिकायतें

1. पेंच नदी के तट खासकर चौरई-चांद का इलाके से रेत छिंदवाड़ा और चौरई में पहुंच रही है। पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन के कोना पिंडरई, सिरस से लेकर मोआरी घाट, पाल्हरी बंदी, झिरिया केरिया, कौआखेड़ा, लोनीबर्रा, झिलमिली और खर्राघाट से रेत रात के अंधेरे में निकलती है। गांव से छुटभैय्ये से लेकर सत्तासीन नेता कारोबार में लिप्त हो गए हैं। खनिज निरीक्षक इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
2. बैतूल रोड के गांव ग्राम खैरवाड़ा में कुलबेहरा नदी से रेत की अवैध निकासी हो रही है और उसे इमलीखेड़ा के रास्ते छिंदवाड़ा लाया जा रहा है। इमलीखेड़ा के आसपास कॉलोनी निर्माण में मांग होने से यहीं रेत की बिक्री की जा रही है। प्रशासन के छापे के बावजूद इस
गांव में रेत का कारोबार थमा नहीं है। गांव में अभी भी हजारों घनमीटर रेत घरों के पिछवाड़े जमा है। कुलबेहरा नदी में पानी नहीं होने से अलग रेत निकल रही है।
3. सौंसर में भी सफेदपोशों के संरक्षण में रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। रोहना, सायरा, काजलवानी, रामाकोना की कन्हान नदी से रेत चोरी छुपे बिक रही है। प्रशासन कई बार जेसीबी-वनटेन मशीन और डम्पर जब्त कर चुका है। बावजूद इसके रेत के कारोबार पर पूरी तरह अंकुश लग नहीं पाया है।
4. परासिया, दमुआ, जुन्नारदेव, उमरेठ समेत कोयलांचल में भी रेत का अवैध कारोबार चल है। प्रतिबंधित अवधि में भी रेत नदियों से निकालकर बेची जा रही है।
5. अमरवाड़ा रोड पर सिंगोड़ी से जुड़ी पेंच नदी के तट से रेत निकल रही है। इसके अलावा अमरवाड़ा, हर्रई और बटकाखापा में भी रेत निकलकर बाजार में पहुंच रही है।
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