नए सत्र में परिवहन के मामले में पिछड़ा विभाग
खनिज विभाग के पास अपना खुद का बल नहीं है। सूत्रों की मानें तो होमगार्ड के जवानों को वापस लिए जाने के बाद ऑफिस के अन्य स्टॉफ को लेकर कार्रवाई करने निरीक्षक जाते थे। भंडारण पर कार्रवाई को लेकर प्रदेशभर में अव्वल खनिज विभाग अवैध परिवहन और अवैध उत्खनन के मामले पकड़ पाने में पीछे रह गया। इसमें कहीं न कहीं बंद जांच चौकियां एवं बल की कमी कारण बना। 21 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार छिंदवाड़ा खनिज विभाग भंडारण में 28 मामले दर्ज कर प्रदेश में पहले स्थान पर, अवैध परिवहन के मामले में 43 प्रकरण दर्ज कर पांचवें स्थान पर और अवैध उत्खनन के मामले में अपै्रल से जुलाई तक सिर्फ तीन मामले दर्ज हुए है।
अभी और करना पड़ सकता है इंतजार
पिछले डेढ़ साल से बिना सुरक्षा गार्डों के चल रहे खनिज विभाग को अभी कुछ और दिन इंतजार करना पड़ सकता है। खनिज विभाग को होमगार्ड के जवान मिलने की घोषणा गृह विभाग से हो गई है, लेकिन अभी डीजी स्तर पर आदेश जारी नहीं होने से इस घोषणा को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। अभी भी खनिज विभाग को कलेक्टर परिसर के होमगार्ड जवान एवं स्थानीय पुलिस बल के सहयोग से ही कार्रवाई पर निर्भर रहना पड़ता है। बता दें कि डेढ़ साल पहले होमगार्ड के जवानों के वेतन भुगतान को लेकर अटैच किए गए विभागों से उन्हें हटा लिया गया था। उसके बाद से अब तक खनिज विभाग बिना बल के ही कार्रवाई कर रहा है। पिछले दिनों गृह विभाग के आदेश के बाद जिले के खनिज विभाग को चार होमगार्ड के जवान मिलने हैं, जिसका फि लहाल इंतजार ही हो रहा है।
इनका कहना है
कोरोना संक्रमण के दौरान रेत जांच चौकियों के कर्मचारियों की ड्यूटी अन्यत्र लगने के कारण वह अब तक बंद हैं। होमगार्ड के लिए गृह विभाग से आदेश जारी हो चुके हैं परंतु डीजी स्तर पर आदेश अभी तक जारी नहीं होने से अमल नहीं हो सका है।
मनीष पालेवार जिला खनिज अधिकारी